Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब डीयू में पीजी डिग्री के लिए सभी कोर्स के छात्रों को चाहिए होंगे 88 क्रेडिट्स, यूनिवर्सिटी प्रशासन का निर्णय

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 08:16 PM (IST)

    दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में एकरूपता लाने के लिए सभी छात्रों के लिए 88 क्रेडिट अनिवार्य कर दिए हैं। पहले अलग-अलग कोर्सों के लिए अलग-अलग क्रेडिट होते थे जिससे भ्रम होता था। अब पोस्ट ग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत छात्रों को अधिक विकल्प मिलेंगे जिससे पाठ्यक्रम और अधिक प्रायोगिक बनेगा।

    Hero Image
    नए सत्र से डीयू में पीजी की डिग्री के लिए अर्जित करने होंगे 88 क्रेडिट्स।

    उदय जगताप, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर (पीजी) में प्रवेश लेने वाले छात्रों को अब डिग्री पूरी करने के लिए 88 क्रेडिट्स अर्जित करने पड़ेंगे। पहले एमएससी, एमए के अलग-अलग कोर्सों के लिए छात्रों को अलग-अलग क्रेडिट्स मिला करते थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इससे छात्रों में कई बार भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी, लेकिन इसमें एकरूपता लाने के लिए नवीन सत्र से अब हर छात्र को 88 क्रेडिट्स तय कर दिए हैं। पीजी के पाठ्यक्रम में छात्रों के लिए और अधिक विकल्प दिए गए हैं।

    डीयू में पीजी पाठ्यक्रम में पोस्ट ग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (पीजीसीएफ) लागू किया गया है। इसके तहत नया बदलाव किया गया है। छात्रों के लिए पहले अलग-अलग कोर्स में 90, 95 या 100 इस तरह पूरे क्रेडिट्स होते थे।

    इनमें छात्रों को क्रेडिट लाने होते थे और उसी आधार पर सीजीपीए तैयार होता था, लेकिन अब इस व्यवस्था को बदलकर सभी के लिए 88 क्रेडिट कर दिया गया है।

    पहले सेमेस्टर में छात्र को तीन डिस्प्लिन स्पेसफिक कोर (डीएससी) पेपर पड़ने होंगे। इनके 12 क्रेडिट्स होंगे। इसके साथ दो डिस्प्लिन स्पेसफिक इलेक्टिव (डीएसई) पढ़ने होंगे।

    इसके अलावा वह एक डीएसई या एक जेनरिक इलेक्टिव कोर्स पढ़ सकते हैं। दोनों के लिए आठ क्रेडिट होंगे। कोर्स को और प्रैक्टिकल बनाने के लिए दो क्रेडिट का स्किल बेस्ड कोर्स पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है।

    जो हैंड्स आन लर्निंग पर आधारित होगा। ऐसे एक सेमेस्टर के 22 क्रेडिट होंगे। इसी तरह दूसरा सेमेस्टर होगा। तीसरे और चौथे समेस्टर में छात्रों को पढ़ने के लिए विकल्प दिए गए हैं।

    वह पहले और दूसरे सेमेस्टर की तरह कोर्स वर्क पढ़ सकते हैं। या फिर कोर्स वर्क के साथ रिसर्च की पढ़ाई कर सकते हैं। या दोनों सेमेस्टर में सिर्फ रिसर्च की पढ़ाई कर सकते हैं।

    उन्हें चुनने की स्वतंत्रता दी गई है। तीनों के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम बनाया गया है। जिसके लिए कुल 44 क्रेडिट तय किए गए हैं। ऐसे छात्र 88 क्रेडिट की डिग्री लेंगे।

    अगले साल जो छात्र स्नातक में चार वर्षीय पाठ्यक्रम की पढ़ाई पूरी करेंगे। अगर एक साल का पीजी करने के इच्छुक होंगे। तो उन्हें 44 क्रेडिट हासिल करने होंगे।

    इसमें वह दूसरे साल की तरह सिर्फ कोर्स वर्क, कोर्स वर्क के साथ रिसर्च या महज रिसर्च की पढ़ाई कर पाएंगे। डीयू की डीन ऑफ अकादमिक प्रो. के रत्नाबली ने बताया कि पहले छात्र क्रेडिट्स को लेकर भ्रम में रहते थे।

    इसलिए उन्हें एक जैसा किया गया है। पूरे पाठ्यक्रम को प्रैक्टिकल और हैंड्स आन लर्निंग पर आधारित कर दिया गया है। इससे छात्रों को लाभ होगा।

    यह भी पढ़ें- पानी कितनी देर में निकला इस बार... जलभराव का जयजा लेने सड़क पर उतरीं CM रेखा गुप्ता ने दिल्लीवालों से पूछा