डूसू चुनाव में एक लाख की श्योरिटी बांड के लिए अब दोस्तों और समर्थकों को भी बना सकते हैं गारंटर
दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि छात्र संघ चुनाव में उम्मीदवारों से ली जा रही श्योरिटी बांड राशि जमा नहीं है बल्कि गंदगी रोकने का उपाय है। पिछली बार गंदगी के कारण कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था। अब गारंटर माता-पिता के अलावा अन्य भी हो सकते हैं। इस बार चुनाव प्रचार के तरीके बदले गए हैं और ऑनलाइन शिकायत प्रणाली शुरू की गई है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने छात्र संगठनों की आपत्तियों और अदालत में दायर याचिका के बाद स्पष्ट किया है कि छात्र संघ (डूसू) चुनाव में उम्मीदवारों से मांगी जा रही एक लाख रुपये का श्योरिटी बांड कोई अग्रिम जमा राशि नहीं है।
बल्कि यह केवल एक तकनीकी प्रविधान है जिसका उद्देश्य कैंपस में दीवारों पर पोस्टर-बैनर और गंदगी फैलाने पर अंकुश लगाना है। डूसू के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. राज किशोर शर्मा ने बताया कि यह व्यवस्था पिछले साल गठित पोल रिफाॅर्म कमेटी की सिफारिशों पर लागू की गई है।
2024 के चुनावों के दौरान कैंपस में बड़े पैमाने पर हुई गंदगी को लेकर कोर्ट ने डीयू को कोर्ट से सख्त टिप्पणी सुननी पड़ी थी। कोर्ट ने परिणाम घोषित करने तक रोक लगा दी थी। शर्मा ने कहा, “यह छात्रों पर आर्थिक बोझ डालने के लिए नहीं है।
एक लाख रुपये केवल अधिकतम सीमा है। वास्तविक वसूली मामले के आधार पर होगी और यह 10,000 रुपये तक भी हो सकती है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि छात्रों को अपने खाते में यह राशि बनाए रखने या डीयू को जमा करने की जरूरत नहीं है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह भी कहा कि गारंटर केवल माता-पिता ही नहीं, बल्कि अभिभावक, मित्र या समर्थक भी हो सकते हैं। “गारंटर की जिम्मेदारी सिर्फ यह है कि अगर कोई उल्लंघन होता है तो वह निर्धारित जुर्माना चुकाए।
चुनाव अधिकारी ने बताया कि इस बार कैंपस में चुनाव प्रचार के तौर-तरीकों में साफ बदलाव दिख रहे हैं। अब दीवारों पर पोस्टर या सड़कों पर पर्चों का अंबार नहीं दिख रहा। काॅलेजों में दो वाॅल ऑफ डेमोक्रेसी बनाने को कहा गया है।
ताकि छात्रों को हाथ से लिखे पोस्टर लगाने के लिए पर्याप्त स्थान मिले। शिकायतों के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म बनाया गया है जहां जियो-टैग्ड सबूत के साथ शिकायत दर्ज की जा सकती है। कोई भी आम नागरिक शिकायत कर सकता है।
उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। हमारी समिति जांच कर कार्रवाई करेगी। डीयू प्रशासन ने कहा कि पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम को निगरानी के लिए शामिल किया गया है। रात में भी गश्त बढ़ाई गई है और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले कई वाहनों के चालान किए गए हैं।
प्रो. शर्मा ने कहा, उम्मीदवारों के साथ कई दौर की बैठकें की गई हैं और छात्र संगठनों से प्रतिनिधिमंडल भी कुलपति से मिल चुके हैं। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि कोई पैसा जमा नहीं करना है, केवल गारंटी देनी है, जैसा कि अदालत ने निर्देश दिया है।
अब तक चुनाव समिति के पास कैंपस में गंदगी फैलाने की कोई शिकायत नहीं आई है। उधर, आइसा ने गारंटर के प्रविधान के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया है। इसमें फैसला आना बाकी है। 18 सितंबर को डूसू के लिए मतदान होगा। 19 को नतीजे आएंगे।
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