DTU ने शिक्षा और अनुसंधान में की नई शुरुआत, शुरू किए छह नए कोर्स, रिसर्च प्रोग्राम और बहुत कुछ, जानें Updates
दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) ने नए शैक्षणिक शोध और आउटरीच कार्यक्रमों की घोषणा की है। डेटा साइंस साइबर सुरक्षा जैसे नए स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय और औद्योगिक संस्थानों के साथ सहयोग किया जा रहा है। डीटीयू इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन फाउंडेशन ने कई स्टार्टअप का समर्थन किया है और पर्यावरण परियोजनाओं में भी योगदान दे रहा है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली टेक्नोलाॅजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू/DTU) ने कई नई शैक्षणिक, शोध और आउटरीच पहलों की घोषणा की। इसमें नए इंटरडिसिप्लिनरी प्रोग्राम शुरू करने से लेकर अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां मजबूत करने और इंडस्ट्री के साथ सहयोग को बढ़ावा देने तक के कदम शामिल हैं ताकि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के अनुरूप भविष्य-उन्मुख संस्थान बन सके।
तीन नए स्नातक कार्यक्रम शुरू
कुलपति प्रो. प्रतीक शर्मा ने बताया कि डीटीयू का मिशन तकनीकी योगदानों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करना है। हमारा विजन सतत विकास, शोध को बढ़ावा देने और इंडस्ट्री तथा वैश्विक साझेदारियों को मजबूत करने पर आधारित है। एनईपी-2020 के तहत डीटीयू ने तीन नए स्नातक कार्यक्रम शुरू किए हैं। इनमें डेटा साइंस एंड एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा और वीएलएसआइ डिजाइन व टेक्नोलाॅजी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इनमें तीन नए परास्नातक कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं। इनमें साइबर सुरक्षा में एमटेक, ईसीजी (एन्वारनोमेंटल, सोशल एंड गवर्नेंस) में एमटेक बाय रिसर्च (आईसीएसआई के सहयोग से) और रिन्यूएवल एनर्जी सिस्टम्स में एमटेक बाय रिसर्च (एनआईएसई के सहयोग से) शामिल हैं।
वैश्विक संस्थानों के साथ समझौते किए
उन्होंने बताया कि डीटीयू में जियोस्पेशियल साइंस एंड टेक्नोलाॅजी विभाग भी स्थापित किया गया है, जो आपदा प्रबंधन, पर्यावरण निगरानी और शहरी नियोजन में राष्ट्रीय परियोजनाओं को सहयोग देगा।
विश्वविद्यालय ने यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन, राइट स्टेट यूनिवर्सिटी और ब्रैडली यूनिवर्सिटी सहित कई वैश्विक संस्थानों के साथ समझौते किए हैं ताकि छात्र आदान-प्रदान और संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित किए जा सकें।
दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय के साथ समझौते से पीएचडी छात्र इंटरडिसिप्लिनरी कोर्स कर सकेंगे।
इंडस्ट्री के मोर्चे पर डीटीयू ने डीआरडीओ, ग्रिड -इंडिया और सिद्धार्थ ग्रीस एंड ल्यूब्स के साथ साझेदारी की है।
विश्वविद्यालय को क्वैड- स्टेम प्रोग्राम के तहत भी चुना गया है, जिसमें देशभर के केवल आठ संस्थानों का चयन हुआ है।
100 से अधिक स्टार्टटप को समर्थन दिया
डीटीयू के इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन फाउंडेशन ने अब तक 100 से अधिक स्टार्टअप को समर्थन दिया है, जिनका संयुक्त मूल्य 700 करोड़ रुपये से अधिक है और इनमें 1000 से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।
पर्यावरण के क्षेत्र में, विश्वविद्यालय दिल्ली सरकार की यमुना पुनर्जीवन परियोजना और एनडीएमसी की बाढ़ प्रबंधन पहल में भी सहयोग कर रहा है।
कुलपति ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए उपराज्यपाल कार्यालय के साथ भी प्रस्तावित परियोजनाएं हैं।
डीटीयू ने पूर्व छात्रों की भागीदारी बढ़ाने के लिए एंडोमेंट फंड भी शुरू किया है, जिससे पूर्व छात्र और साझेदार संस्थान विश्वविद्यालय के विकास में योगदान दे सकें।
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