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    DSIIDC में स्थापित होगी परियोजना प्रबंधन इकाई, 12 करोड़ रुपये से अधिक लागत आने का अनुमान

    By V K Shukla Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 14 May 2025 12:06 AM (IST)

    दिल्ली सरकार डीएसआईआईडीसी की मदद के लिए परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) स्थापित करेगी जिस पर 12 करोड़ रुपये से ज़्यादा लागत आएगी। यह इकाई डेटा सेंटर पार्क वैश्विक क्षमता केंद्रों और अन्य परियोजनाओं में डीएसआईआईडीसी को परामर्श देगी। डीएसआईआईडीसी में स्थापित होगी परियोजना प्रबंधन इकाई दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को मजबूत करने और दक्षता बढ़ाने में सहायक होगी।

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    दिल्ली सरकार डीएसआईआईडीसी की मदद के लिए परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) स्थापित करेगी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार डेटा सेंटर पार्क और वैश्विक क्षमता केंद्रों सहित विभिन्न परियोजनाओं के संचालन में दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) की मदद के लिए एक परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) स्थापित करेगी। इस इकाई की स्थापना पर 12 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने का अनुमान है।

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    आरएफपी दस्तावेज जारी

    अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि इस इकाई की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिसके लिए अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) दस्तावेज जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि डीएसआईआईडीसी में स्थापित की जाने वाली प्रस्तावित परियोजना प्रबंधन इकाई पर तीन साल की अवधि के लिए 12.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

    अधिकारियों ने बताया कि निविदा के जरिए उपयुक्त एजेंसी नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। परियोजना के बारे में कहा गया है कि पीएमयू डीएसआईआईडीसी को दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को मजबूत करने, दक्षता बढ़ाने और रणनीतिक लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए शुरू से अंत तक परामर्श और परिचालन सहायता प्रदान करेगा।

    पीएमयू की सलाहकार भूमिका रणनीतिक और तकनीकी मार्गदर्शन, डेटा सेंटर पार्क स्थापित करने, वैश्विक क्षमता केंद्र विकसित करने और खाली पड़ी व्यावसायिक संपत्तियों का अनुकूलन आदि के माध्यम से डीएसआईआईडीसी की विभिन्न परियोजनाओं को सहायता प्रदान करना होगी।

    यह डीएसआईआईडीसी परियोजनाओं की पहचान और मूल्यांकन करेगा और लागत, पैमाने और राजस्व क्षमता के आधार पर उनकी उपयुक्तता की जांच करेगा। यह व्यवहार्यता अध्ययन भी करेगा और डीएसआईआईडीसी द्वारा संचालित औद्योगिक क्षेत्रों और सामुदायिक कार्य केंद्रों का विकास और पुनर्विकास भी करेगा।

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