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    सुप्रीम कोर्ट के आदेश और विरोध के बीच एक पहलू ये भी... अस्पतालाें में 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़े हैं डॉग बाइट के केस

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 05:31 PM (IST)

    दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है जिससे अस्पतालों में डाॅग बाइट के मामले बढ़े हैं। सफदरजंग और आरएमएल जैसे अस्पतालों में मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए कुत्तों को शेल्टर होम्स में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। विशेषज्ञ रैबीज से होने वाली मौतों को लेकर चिंतित हैं और समय पर टीकाकरण की सलाह दे रहे हैं।

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    वर्ष 2025 में बढ़ी हैं डाॅग बाइट के मरीजों की संख्या।

    लोकेश शर्मा, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखने के निर्देश के बाद से पशु प्रेमी विरोध कर रहे हैं।

     इसका दूसरा पहलू भी है, जहां लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत भी है। इस सहमति की वजह से आवारा कुत्तों का आतंक, जिसकी तस्दीक अस्पतालों में डाॅग बाइट के केसों की संख्या करती है। 

    दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आंकड़ों के अनुसार, एक जनवरी से 11 अगस्त 2025 तक एमसीडी अस्पतालों में डाॅग बाइट के  26,334 मामले दर्ज हुए, जिनमें 9,920 एमसीडी अस्पतालों में और 15,010 एंटी-रेबीज वैक्सीन (एआरवी) केंद्रों पर दर्ज किए गए।

    2024 में यह आंकड़ा 68,090 था, जो स्थिति की गंभीरता को उजागर करता है। इन आंकड़ों ने सुप्रीम कोर्ट को भी हिलाकर रख दिया है।

    हाल ही में एक छह साल की बच्ची की रैबीज से मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों में शेल्टर होम्स में स्थानांतरित करने का आदेश दिया।

    दिल्ली सरकार और एमसीडी ने इस दिशा में कार्ययोजना शुरू की है, जिसमें नसबंदी और टीकाकरण को तेज करने पर जोर है। स्थानीय निवासियों में डर और आक्रोश है।

    लोग एमसीडी पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, क्योंकि 2016 के बाद आवारा कुत्तों की जनगणना तक नहीं हुई।

    बताया जा रहा है कि दिल्ली में इनकी संख्या 10 लाख से अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि रेबीज से हर साल देश में 20,000 मौतें होती हैं, जिनमें बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

    अस्पतालों में डॉग बाइट के मरीजों की बढ़ोतरी पर एक नजर

    • सफदरजंग अस्पताल में जनवरी से जुलाई 2025 तक डॉग बाइट के 91,009 केस आए, जो 2021 के पूरे साल में 63,361 केस थे। ये 30 प्रतिशत की बढोतरी है।
    • डाॅ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में अप्रैल 2023 से मार्च 2025 तक 45,432 मामले सामने आए, जो पिछले वर्ष समान अवधि के 39,216 मामलों से 13 प्रतिशत अधिक है।
    • हिंदू राव (एमसीडी) अस्पताल में 28 जुलाई 2025 तक 4,861 केस दर्ज हुए, जो पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
    • एलएनजेपी अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 1100 डाॅग बाइट के मामले आते है

    गर्मी और बरसात में बदल जाता है कुत्तों का व्यवहार

    विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी और बरसात के मौसम में कुत्तों का व्यवहार अधिक आक्रामक हो सकता है, और भोजन–पानी की कमी भी उन्हें बस्तियों के नजदीक लाती है।

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    वहीं, पालतू और आवारा कुत्तों के टीकाकरण की कम दर, बेघर जानवरों की बढ़ती संख्या और कचरा प्रबंधन में लापरवाही को भी मुख्य कारण माना जा रहा है।

    डॉक्टरों की सलाह

    डॉक्टरों की सलाह है कि कुत्ते के काटने के बाद तुरंत घाव को 15–20 मिनट तक साबुन-पानी से धोएं और बिना देर किए नजदीकी अस्पताल में एंटी-रैबीज वैक्सीन लगवाएं।

    विशेषज्ञ चेतावनी देते हुए कहा कि रैबीज संक्रमण जानलेवा है और समय पर इलाज ही इसका एकमात्र बचाव है।

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