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    Earthquake In Delhi-NCR: भूकंप आने पर घबराएं नहीं, इन बातों का रखें ध्यान तो सुरक्षित रहेंगे आप

    By Santosh Kumar SharmaEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Sun, 13 Nov 2022 07:48 AM (IST)

    Earthquake In Delhi NCR शनिवार को आए भूकंप का केंद्र काठमांडू के पश्चिम में 460 िकमी दूर बाजहांग जिले में जमीन में दस किमी नीचे था। भूकंप के इस झटके से जान-माल के बड़े नुकसान की खबर नहीं है।

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    Earthquake In Delhi-NCR: भूकंप आने पर घबराएं नहीं, इन बातों का रखें ध्यान तो सुरक्षित रहेंगे आप

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई शहरों में शनिवार शाम सात बजकर 57 मिनट छह सेकेंड पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.4 मापी गई है। दिल्ली में पांच से सात सेकेंड तक झटके महसूस किए जाते रहे। भूकंप के झटके महसूस होते ही बिहार के पटना से लेकर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून तक लोग घरों से बाहर दौड़ पड़े।

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    भूकंप आने से पहले क्या करें

    • छत तथा नींव के पलस्तर में पड़ी दरारों की मरम्मत कराएं। संरचनात्मक कमी का संकेत मिले तो विषेशज्ञ की सलाह लें।
    • पंखे, झूमर व सीलिंग में लगी लाइटों को सही तरह से टांगें।
    • भवन निर्माण मानक का पालन करें।
    • दीवारों पर सेल्फ को ठीक तरह से लगाएं।
    • भारी वस्तुओं को नीचे के सेल्फ में रखें।
    • तस्वीर, शीशे के सामान व अन्य भारी वस्तुओं को बिस्तर और सोफा व बैठने वाले अन्य स्थानों से दूर रखें।
    • भूकंप के समय आग लगने से बचाव के लिए खराब बिजली की तारों तथा लीक करने वाले गैस कनेक्शन की मरम्मत कराएं।
    • घर के अंदर तथा बाहर सुरक्षित स्थानों को पहचान कर रखें। जैसे टेबल, बेड, दीवार के साथ वाले स्थान आदि।
    • अस्पताल, डाक्टर, पुलिस जैसे आपातकालीन टेलीफोन नंबर याद रखें। -स्वयं तथा परिवार के सदस्यों को भूकंप के बारे में जानकारी दें।

    घर या कार्यालय में आपदा आपातकालीन किट तैयार रखें

    • टार्च और अतिरिक्त बैटरी। -प्राथमिक सहायता किट।
    • आपातकालीन खाद्य सामग्री (सूखा खाद्य पदार्थ) तथा पीने का बोतलबंद पानी।
    • एक वाटरप्रूफ कंटेनर में मोमबत्ती व माचिस।
    • चाकू व केन ओपनर।-क्लोरीन की गोलियां तथा पाउडर-युक्त वाटर प्यूरिफायर।
    • जरूरी दवा।
    • मोटी रस्सी तथा डोरियां।
    • मजबूत जूते।

    भूकंप आने पर क्या करें

    घर के अंदर रहने पर सावधानी

    • भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित व स्थिर रहें। भूकंप के छोटे झटके के बाद बड़ा भूकंप आ सकता है। धीरे-धीरे कुछ कदमों तक सीमित हलचल करें जिससे पास में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें। भूकंप के झटकों के रूकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आपको यह सुनिश्चित हो जाए कि बाहर निकलना सुरक्षित है।
    • अनुसंधान से यह पता चला है कि ज्यादातर चोटें तब लगती है जब भवन के अंदर मौजूद लोग किसी दूसरी जगह अथवा बाहर जाने का प्रयास करते हैं।
    • जमीन पर झुक जाए, किसी मजबूत मेज अथवा अन्य मजबूत फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे शरण लें और भूकंप के झटके रूकने तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें।
    • यदि आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे तथा सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और इमारत के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं।
    • किसी आंतरिक दरवाजे के लेंटर, किसी कमरे के कोने में, किसी मेज या किसी पलंग के नीचे रूककर अपने आपको बचाएं।-खिड़कियों, दरवाजों तथा दीवारों से दूर रहें अथवा ऐसी कोई चीज जो गिर सकती है से दूर रहें।
    • भूकंप के शुरू होने पर, यदि आप उस समय पलंग पर हों तो उस पर ही रहें। अपने सिर को तकिया से ढककर बचाएं।
    • शरण लेने के लिए तभी किसी दरवाजे से निकलकर बाहर जाएं जब वह आपके निकट और वह मजबूत हो।

    घर या किसी इमारत के बाहर रहने पर सावधानी

    • जहां हों वहां पर स्थिर रहें। इमारत, पेड़, स्ट्रीट लाइट आदि से दूर रहें।
    • सबसे बड़ा खतरा इमारत के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है। भूकंप से संबंधित अधिकांश दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, कांच तथा गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती हैं।
    • यदि भूकंप के समय चलते हुए वाहन में होंः-- जितनी जल्दी संभव हो सुरक्षा के साथ गाड़ी रोकें तथा गाड़ी में रूके रहें। इमारत, पेड़, बिजली के खंभों के पास नहीं रहें।
    • सावधानी से भूकंप के रूकने के बाद आगे बढ़ें। सड़क, पुल, रैम्प से बचें क्योंकि भूकंप से ये क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। यदि मलबे में फंस गए हों।
    • माचिस की तीली को न जलाएं।
    • धूल न उड़ाएं अथवा हिले-डुले नहीं।
    • अपने मुंह को किसी रुमाल अथवा कपड़े से ढकें।
    • किसी पाइप अथवा दीवार को थपथपाएं ताकि बचाने वाले आपको ढूंढ सकें। यदि उपलब्ध हो तो सीटी का उपयोग करें।
    • अगर और कोई उपाय न हो तो तेजी से चिल्लाएं। चिल्लाने से आपके मुंह में सांस के द्वारा खतरनाक धूल अंदर जा सकती है, इसका ध्यान रखें।

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