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Delhi News: जेएनयू ने कैंटीन व ढाबा मालिकों को भेजा नोटिस, 30 जून तक परिसर खाली करने का निर्देश

वहीं नोटिस मिलने वाले एक कैंटीन संचालक ने बताया कि जेएनयू प्रशासन उससे बकाया किराए और बिजली बिल के रूप में 10 लाख रुपये मांग रहा है। लेकिन हम एक साथ 10 लाख रुपये का भुगतान नहीं कर सकते हैं।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 07:51 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 07:51 PM (IST)
Delhi News: जेएनयू ने कैंटीन व ढाबा मालिकों को भेजा नोटिस, 30 जून तक परिसर खाली करने का निर्देश
अगर हम भुगतान करते भी हैं, तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वे हमें रहने देंगे।

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने परिसर में स्थित कई कैंटीन और ढाबा मालिकों को लाखों रुपये का बकाया चुकाने और 30 जून तक विश्वविद्यालय परिसर खाली करने को कहा है। विश्वविद्यालय के संयुक्त कुलसचिव (एस्टेट) एम के पचौरी ने 22 जून को कैंटीन मालिकों को भेजे नोटिस में उनसे पत्र जारी होने के सात दिनों के भीतर सभी बकाया राशि का भुगतान करने को कहा है।

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इससे परेशान दुकान मालिकों को अपनी आजीविका खोने का डर है। साथ ही बकाया भुगतान के लिए पैसे की व्यवस्था करना भी उनके लिए मुश्किल हो रहा है। परिसर में चल रही कैंटीन, ढाबों और फोटोकापी की 10 दुकानों को ये नोटिस दिए गए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यदि व्यक्ति नोटिस का पालन करने में विफल रहता है तो वह सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जेदारों की बेदखली) अधिनियम, 1971 के अनुसार बेदखली की कार्यवाही के लिए उत्तरदायी होगा।

जेएनयू के रेक्टर अजय दुबे ने स्पष्ट किया कि उन दुकान मालिकों को नोटिस दिया गया है जिन्होंने लंबे समय से किराए और बिजली के बिलों का भुगतान नहीं किया है। वहीं, नोटिस मिलने वाले एक कैंटीन संचालक ने बताया कि जेएनयू प्रशासन उससे बकाया किराए और बिजली बिल के रूप में 10 लाख रुपये मांग रहा है। लेकिन, हम एक साथ 10 लाख रुपये का भुगतान नहीं कर सकते हैं। अगर हम भुगतान करते भी हैं, तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वे हमें रहने देंगे।

इसी तरह एक अन्य दुकानदार को 20 लाख रुपये बकाए का नोटिस दिया गया है। उसने भी भुगतान करने में असमर्थता जताई है। कैंटीन संचालकों ने बताया कि उन्हें पहले भी नोटिस दिए गए थे, लेकिन हमने जेएनयू प्रशासन से कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए मुआवजे के लिए अनुरोध किया था।

लेकिन प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया। दुकानदारों को नोटिस देने के कदम का विरोध करते हुए वामपंथी छात्र संगठन आइसा ने आरोप लगाया कि जेएनयू प्रशासन चाहता है कि ये कैंटीन मालिक परिसर खाली कर दें क्योंकि वे परिसर में सेवा के लिए बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को लाने की योजना बना रहे हैं।


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