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Rashtrakavi Dinkar 114th Birth Anniversary: मनोज तिवारी बोले, दिनकर की कविता को पढ़कर मिलती है मनुष्यता की सीख

प्रोफेसर रामेश्वर राय ने कहा कि दिनकर ने कविताओं के माध्यम से जो प्रश्न खड़ा किया था वह आज भी अनुत्तरित है। अमृत महोत्सव काल में भी हम समता भ्रष्टाचार जातीयता और उन तमाम तरह के पूर्वाग्रहों से मुक्त नहीं हो पाए हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 24 Sep 2022 01:12 AM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 01:12 AM (IST)
Rashtrakavi Dinkar 114th Birth Anniversary: मनोज तिवारी बोले, दिनकर की कविता को पढ़कर मिलती है मनुष्यता की सीख
कथा लेखिका पदमश्री मालती जोशी को प्रथम दिनकर संस्कृति सम्मान से सम्मानित किया गया।

नई दिल्ली, जेएनएन। सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक क्षेत्र मे अग्रणी संस्था 'रेस्पेक्ट इंडिया' ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 114 वी जयंती पर इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 'दिनकर महोत्सव' का आयोजन किया। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत संस्था की संरक्षिका प्रोफेसर रेखा सक्सेना ने किया।

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मालती जोशी को प्रथम दिनकर संस्कृति सम्मान

इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रसिद्ध कथा लेखिका पदमश्री मालती जोशी को प्रथम दिनकर संस्कृति सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मालती जोशी ने अपनी कहानी का पाठ भी किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर-पूर्व दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी थे। उन्होंने कहा कि दिनकर की कविता को पढ़कर मनुष्यता की सीख मिलती है। दिनकर स्वतंत्रता पूर्व स्वाधीनता से युक्त कविताएं तो लिखी ही हैं लेकिन स्वतंत्रता के बाद भी उन्होंने आम जनता के सवालों से जुड़ी काफी महत्वपूर्ण कविताएं लिखी हैं। जिस पर हम सबका ध्यान जाना चाहिए।

कविता को हिंदी भाषी जनता की जुबान पर चढ़ाने वाले कवि

मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रामेश्वर राय ने कहा कि दिनकर ने अपनी कविताओं के माध्यम से जो प्रश्न खड़ा किया था, वह आज भी अनुत्तरित है। आजादी के इस अमृत महोत्सव काल में भी हम समता, भ्रष्टाचार, जातीयता और उन तमाम तरह के पूर्वाग्रहों से मुक्त नहीं हो पाए हैं, जो मनुष्य को लोकतान्त्रिक मूल्यों मे विश्वास दिला सके। उन्होंने दिनकर को एक ऐसा कवि बताया, जिसने कविता को हिंदी भाषी जनता की जुबान पर चढ़ा दिया।

मानवीय पुरुषार्थ के गायक थे दिनकर

लोकप्रिय कवि एवं संचार मंत्रालय के उप महानिदेशक राजीव कुमार ने दिनकर के रश्मिरथी के तृतीय सर्ग का भावपूर्ण पाठ किया। प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ पदमश्री डॉ यश गुलाटी ने दिनकर के कविताओं का पाठ किया एवं सेक्सोफोन बजा कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दिनकर महोत्सव की अध्यक्षता सिक्किम के पूर्व राज्यपाल एवं रिस्पेक्ट इंडिया के मुख्य संरक्षक बाल्मीकि प्रसाद सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि दिनकर समतामूलक समाज-निर्माण के पक्षधर कवि थे। दिनकर मानवीय पुरुषार्थ के गायक थे।

कार्यक्रम मे राज्य सभा के पूर्व सांसद जेके जैन, झारखण्ड सरकार के अपर महाधिवक्ता राजीव कुमार, पूर्व आईपीएस अधिकारी सुरेंद्र भगत, सुरेश चौधरी, मालविका जोशी, वरिष्ठ अधिवक्ता संग्राम पटनायक, विनय मणि त्रिपाठी, डॉ प्रमोद कुमार द्विवेदी, अतुल सिंह, पत्रकार जवाहरलाल उनियाल, पंकज ठाकुर, आरती, सौम्या मिश्रा आदि शामिल थे। कार्यक्रम का संयोजन शंभू झा, आशुतोष कुमार एवं गुरुदत्त रंगा ने एवं कुशल संचालन बरखा दुबे ने किया। अतिथियों के प्रति आभार रिस्पेक्ट इंडिया के संस्थापक एवं महासचिव डॉ मनीष के चौधरी ने प्रकट किया।

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