Digital Arrest: साइबर ठगी से खुद को कैसे बचाएं? अपनाएं ये 7 आसान टिप्स; हड़पी हुई रकम भी आ सकती है वापस
cyber fraud साइबर ठग आए दिन लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसे में आप भी सावधान रहें। अगर आप साइबर ठगी के शिकार हुए हैं तो घबराएं नहीं तीन घंटे के अंदर शिकायत करें और अपना पैसा वापस पाएं। जानिए साइबर ठगी से बचने के कुछ आसान टिप्स। दैनिक जागरण साइबर फ्रॉड या साइबर क्राइम को लेकर एक मुहिम चला रहा है। जिसको लुटेरा ऑनलाइन नाम दिया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली।Avoid cyber fraud: अगर आपके साथ साइबर ठगी होती है और आप तीन से चार दिन बाद शिकायत करते हैं तो बहुत कम उम्मीद है कि आपका रुपया आपको मिल जाए। ठगी होने के एक से तीन घंटे महत्वपूर्ण घंटे होते हैं।
अगर इस समय आप ठगी की शिकायत कर देते हैं तो आपसे ठगी की रकम आपको वापस मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है। अगर आपको लगता है कि आप साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं तो आप सबसे पहले नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर के उसको रिपोर्ट करें।
अपने पास इससे जुड़े हर तरह के सुबूत को एकत्रित कर के रखिए। अगर 1930 पर फोन नहीं उठता है तो साइबर क्राइम की वेबसाइट पर रिपोर्ट करें। ये बातें दैनिक जागरण की ओर से जामा मस्जिद स्थित राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय नंबर-1, उर्दू माध्यम में आयोजित लुटेरा ऑनलाइन सतर्क रहें अभियान के तहत कार्यक्रम में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र में कार्यरत निशा पांडे ने कही।
उन्होंने कहा कि जागरुकता के अभाव में आजकल लोगों के साथ तेजी से स्कैम हो रहे हैं। लोग अनजाने में ऐसी लिंक पर क्लिक कर देते हैं या ऐसे एप डाउनलोड कर लेते हैं और फिर उनका सारा निजी डाटा अपराधियों के पास आ जाता है।
इसलिए किसी भी लिंक या एप को डाउनलोड करने से पहले ये जरूर जांच ले कि वो लिंक सही है भी या नहीं। इस दौरान स्कूल के प्रधानाचार्य गय्यूर अहमद ने भी शिक्षकों को साइबर अपराधों के प्रति सतर्क रहने को कहा।
शेयर मार्केट में निवेश करे तो रहे सावधान- निशा पांडे
निशा पांडे ने शिक्षकों से कहा कि जब भी वो शेयर मार्केट में निवेश करें तो सेबी से पंजीकृत एप्लीकेशन का ही उपयोग करें। उन्होंने कहा कि मार्केट में ऐसे शेयर मार्केट से बहुत सारे फर्जी एप्लीकेशन हैं जो लोगों के निवेश किए गए रुपयों की ठगी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजकल फोन पर पार्ट टाइम नौकरी के बहुत सारे संदेश आते हैं, जिसमें लिखा होता है घर बैठे 20 से 30 हजार कमाओ।
ये मैसेज केवल ठगी के लिए होते हैं। इसलिए इस तरह के मैसेज पर दी गई किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। उन्होंने कहा कि गूगल पर जब भी किसी वेबसाइट को सर्च करे तो सबसे पहले स्पांसर्ड वेबसाइट आती है, ये स्पांसर्ड वेबसाइट अधिकतर जालसाजों की ओर से तैयार की गई हैं, जो हुबहू मूल वेबसाइट की तरह लगेंगी। इसलिए वेबसाइट सर्च करने के बाद आख मूंद कर वेबसाइट पर क्लिक करने से पहले देख ले कि कहीं ये स्पांसर्ड तो नहीं है।
डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं- नवीन
कमला मार्केट साइबर सेल थाना में तैनात एसआइ नवीन ने कहा कि आजकल बहुत सारे लोगों को काल आता है कि आपके नाम से एक पार्सल मिला है, जिसमें ड्रग्स, फर्जी पासपोर्ट, फर्जी सिम मिले हैं और कॉल करने वाला अपने आपको पुलिस, सीबीआई, ईडी या अन्य जांच एजेंसी का अधिकारी बन के वीडियो कॉल करता है।
आप कॉल से इतने डर जाते हैं कि एक-एक करके जालसाजों द्वारा मांगी जा रही जानकारियों को उनसे साझा करते हैं। फिर वो आपसे ही मांगी गई जानकारी से आपको गिरफ्तारी का वारंट दे देता है और दो से तीन दिन डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) कर के रखता है।
यानी वो आपको वीडियो कॉल बंद नहीं करने देता है और न ही किसी को फोन करने की अनुमति देता है। इस बीच वो आपसे आपकी जमा पूंजी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कराकर आपसे ठगी कर लेता है। सभी को ये जानना बहुत जरूरी है कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं है।
जब भी कभी ऐसा हो तो आप घबराएं नहीं और ऐसे नंबरों को ब्लॉक कर दें या फोन काट दें। आपकी जागरुकता ही आपको इस तरह की ठगी से बचा सकती है।
ये बने साइबर योद्धा
बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। मसलन, डिजिटल अरेस्ट की स्थिति में संयम बनाए रखना है और जालसाज के झांसे में आए बिना फोन काटकर उसकी शिकायत करनी है। ताकि वो आगे किसी को अपना शिकार न बनाए। - फराह, शिक्षिका
- मेरे एक परिचित के साथ साइबर ठगी हो गई थी। उस समय ये नहीं पता था कि ठगी होने के बाद शुरुआती कुछ घंटे कितने महत्वपूर्ण होते हैं। आगे से कभी मेरे किसी परिचित के साथ ऐसे कोई घटना होगी तो मैं तत्काल उन्हें 1930 पर काल कर के शिकायत करने के लिए कहूंगा। - मो. जावेद, शिक्षक
- अब मैं किसी भी वेबसाइट को सर्च करने से पहले ये जरूर देख लूंगा कि कहीं मैं स्पांसर्ड लिंक पर तो क्लिक नहीं कर रहा हूं। बहुत ही अच्छा सत्र था। - मो. साजिद, शिक्षक
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