Digital Arrest: 'तेरा बेटा दुष्कर्म केस में फंसा है', कॉल करने वाले ने खुद को बताया CBI अधिकारी; फिर पांच लाख ठगे
cyber fraud साइबर ठगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दिल्ली पुलिस ने तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर एक व्यक्ति से पांच लाख रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने इनके बैंक खातों में ठगी की 211000 रुपये की राशि को फ्रीज कर दिया है। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी जिला स्थित साइबर थाना टीम ने साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान सतीश कुमार यादव, सुनील कुमार और शिवम के रूप में हुई है।
उनकी निशानदेही पर टीम ने पांच मोबाइल फोन और दो डेबिट कार्ड बरामद किए गए। साथ ही आरोपितों के बैंक खातों में ठगी गई राशि 2,11,000 रुपये फ्रीज करा दी है।
दक्षिणी जिला पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि सीआर पार्क के जे-ब्लॉक निवासी एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पति को एक मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई इंस्पेक्टर बताते हुए दावा किया कि उनका बेटा दुष्कर्म के मामले में शामिल है।
यदि वे पांच लाख रुपये का भुगतान करते हैं तो उसे रिहा किया जा सकता है। बेटे की सुरक्षा के डर और चिंता के कारण शिकायतकर्ता ने अपने पति के बैंक खाते से पांच लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
हालांकि जब बाद में उन्होंने अपने बेटे से संपर्क किया, तो उसने उसे बताया कि वह तो सुरक्षित है। उसे सीबीआइ या किसी अन्य एजेंसी ने हिरासत में नहीं लिया है। शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर साइबर थाने में 12 जून को एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की गई।
इस तरह जालसाजों तक पहुंची साइबर पुलिस
व्हाट्सएप काल के विश्लेषण से पता चला कि वह काल देश के बाहर से आई थी। वहीं मनी ट्रेल से यह पता चला कि ठगी गई रकम पहले लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की गई थी और उसी दिन उक्त राशि को बीकानेर और जयपुर के पांच अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया। टीम ने बैंक खाताधारकों का विवरण प्राप्त किया।
तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से तीनों आरोपियों के स्थान का पता लगाया। इसके बाद जाल बिछाकर तीनों को पकड़ा। आरोपितों की पहचान सतीश कुमार यादव, सुनील कुमार व शिवम तीनों निवासी शीतला कॉलोनी, गुरुग्राम, हरियाणा के रूप में हुई।
इनकी निशानदेही पर पांच मोबाइल फोन और दो डेबिट कार्ड बरामद किए। पुलिस ने इनके बैंक खातों में ठगी की 2,11,000 रुपये की राशि को फ्रीज कराते हुए तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
मनी ट्रेल तोड़ने के लिए एटीएम से निकाले पैसे
आरोपित सतीश यादव ने फर्जी खातों की व्यवस्था की। ठगी की राशि को कई खातों में ट्रांसफर किया। फिर पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए मनी ट्रेल तोड़ते हुए एटीएम से पैसे निकाल लिए। वही आरोपित सुनील कुमार कमीशन के आधार पर बैंक खाते उपलब्ध कराता था।
कमीशन के पैसों से अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान और व्यक्तिगत खर्चों का बिल चुकाता था। तीसरा आरोपित शिवम भी फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराता था। ठगी की राशि खाते में आने के बाद उसने एटीएम से निकाली थी।

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