DERC में बड़े बदलाव की तैयारी, हटाए जाएंगे उम्रदराज अधिकारी; BJP सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) विवादों में है जिससे बिजली उपभोक्ताओं से जुड़े काम अटक गए हैं। पिछले चार साल से टैरिफ घोषित नहीं हुए हैं क्योंकि कई सेवानिवृत्त अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर बने हुए हैं। आप सरकार के कार्यकाल में नियुक्त इन अधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 60 वर्ष से अधिक आयु के अधिकारियों को हटाने का निर्णय लिया गया है।

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) अक्सर विवादों में बना रहता है। इस कारण बिजली उपभोक्ताओं के हित से जुड़े काम बाधित हो रहे हैं।
पिछले चार वर्षों से बिजली के टैरिफ घोषित नहीं हुए हैं, लेकिन आयोग के महत्वपूर्ण पदों पर सेवानिवृत्ति के बाद भी अधिकारी जमे हुए हैं। इसमें से अधिकांश की नियुक्ति पूर्व की आप सरकार के कार्यकाल में हुई है। अब इन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पिछले कुछ वर्षों से डीईआरसी में किसी आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति पर विवाद चर्चा में रहा है। इस समय भी आयोग के चेयरमैन की कुर्सी रिक्त है। दो अस्थायी सदस्यों के सहारे आयोग का काम चल रहा है। पिछले दिनों इनमें से एक सदस्य सुरेंद्र बब्बर ने आयोग के सचिव और विधि प्रभाग के दो अन्य अधिकारियों पर नियमों का अनदेखी करने का आरोप लगाकर दिल्ली सरकार से कार्रवाई की मांग की थी।
वहीं, आयोग में कार्यकारी निदेशक (टैरिफ), उप निदेशक (उपभोक्ता सहयोग) , वित्त सलाहकार सहित अन्य महत्वपूर्ण पदों पर सेवानिवृत्त अधिकारी जमे हुए हैं। इनमें से चार अधिकारियों की नियुक्ति पिछले वर्ष की गई है। नियुक्ति के समय इनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक थी।
भाजपा सरकार ने आयोग में तैनात 60 वर्ष से अधिक उम्र छह अधिकारियों व एक कंप्यूटर ऑपरेटर को हटाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में दिल्ली सरकार के ऊर्जा विभाग ने 20 अगस्त को डीईआरसी के दोनों सदस्यों को पत्र लिखकर इन सभी को पद से हटाने और दो सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही भविष्य में किसी भी स्वीकृत पद पर 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को नियुक्त नहीं करने का आदेश दिया गया है।
एक अधिकारी के अनुसार लगभग दो माह पहले कार्यकारी निदेशक (इंजीनियरिंग) को भी अधिक उम्र के कारण पद से हटाया गया था। अभी पद पर बने हुए सात में से दो को छोड़कर कोई भी उर्जा क्षेत्र से संबंधित दिल्ली सरकार की या किसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का अनुभव नहीं है। इस तरह की नियुक्ति से आयोग का कामकाज बाधित हो रहा है। न तो टैरिफ की घोषणा हो रही है और न अन्य आवश्यक कार्य। सुप्रीम कोर्ट ने भी डीईआरसी के स्थायी चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति के लिए कहा है।
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