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    दिल्ली सरकार के स्विमिंग पूल में 53 वर्षों से कोई नई भर्ती नहीं, खिलाड़ियों की सुरक्षा पर आया संकट

    दिल्ली के 26 स्विमिंग पूल में 53 साल से एक भी नए लाइफ गार्ड की भर्ती नहीं हुई है जिससे खिलाड़ियों की सुरक्षा खतरे में है। नियमों के अनुसार प्रत्येक पूल पर दो लाइफ गार्ड होने चाहिए लेकिन वर्तमान में केवल दो स्थायी लाइफ गार्ड हैं। अस्थायी लाइफ गार्ड्स को हटाने के बाद उनकी जगह भर्ती नहीं की गई। पूल बिना लाइसेंस और अनुमति के चल रहे हैं।

    By Jagran NewsEdited By: Sonu Suman Updated: Sun, 30 Mar 2025 08:18 PM (IST)
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    दिल्ली के 26 स्विमिंग पूल में 53 साल से एक भी नए लाइफ गार्ड की भर्ती नहीं।

    लोकेश शर्मा, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में स्थित 26 स्विमिंग पूल की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। बीते 53 वर्षों में इन पूलों में किसी भी नई लाइफ गार्ड की भर्ती नहीं की गई है, जिससे खिलाड़ियों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। पूर्ववर्ती सरकारों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते मौजूदा हालात और भी खराब हो गए हैं।

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    स्विमिंग पूल नियमों के अनुसार, प्रत्येक पूल पर दो लाइफ गार्ड्स की नियुक्ति आवश्यक होती है, लेकिन वर्तमान में सभी पूलों के लिए मात्र दो स्थायी लाइफ गार्ड्स कार्यरत हैं, जबकि 52 लाइफ गार्ड्स की सख्त आवश्यकता है।

    अस्थायी लाइफ गार्ड्स को हटाने के बाद भर्ती नहीं

    एक साल पहले तक अस्थायी लाइफ गार्ड्स खिलाड़ियों की सुरक्षा में तैनात थे, लेकिन पूर्व सरकार ने उन्हें अचानक हटा दिया। मामला फिलहाल अदालत में लंबित है, परंतु सवाल यह उठता है कि यदि इन अस्थायी लाइफ गार्ड्स को हटाया गया, तो उनके स्थान पर नई भर्ती क्यों नहीं की गई? यह जानते हुए भी कि इन पूलों में प्रशिक्षकों और सुरक्षा कर्मियों की भारी कमी है, सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया।

    लाइसेंस और अनुमति के बिना संचालित हो रहे पूल

    दिल्ली सरकार के सभी स्विमिंग पूल को हर वर्ष लाइसेंस का नवीनीकरण कराना आवश्यक होता है। लेकिन न तो अभी तक डायरेक्टर एजुकेशन आफ स्पोर्ट्स से लाइसेंस मिला है और न ही दिल्ली पुलिस एवं एमसीडी से कोई अनुमति प्राप्त हुई है। ऐसे में सरकार द्वारा स्विमिंग पूल पर खर्च किया गया धन व्यर्थ जाता दिख रहा है।

    खिलाड़ियों के भविष्य पर संकट

    हर वर्ष 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर तक खिलाड़ियों के लिए स्विमिंग पूल खोले जाते हैं। लेकिन अभी तक खिलाड़ियों के अभ्यास को लेकर कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया। जिससे खिलाड़ी बेहद परेशान दिखाई पड़ रहे है। वर्तमान में इन पूलों की देखरेख की स्थिति भी बेहद दयनीय है। इन 26 स्विमिंग पूलों में मात्र 7 असिस्टेंट कोच और 4 स्थायी कोच कार्यरत हैं, जो अत्यधिक अपर्याप्त हैं। ऐसे में खिलाड़ियों की न केवल सुरक्षा खतरे में है, बल्कि उनका भविष्य भी अधर में लटका हुआ है।

    कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग ले चुके हैं, लेकिन इन पूलों की बदहाल स्थिति उन्हें आशंकित कर रही है कि कहीं यह सुविधाएं पूरी तरह बंद न हो जाएं। सरकार को इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान देना चाहिए और जल्द से जल्द पर्याप्त लाइफ गार्ड्स एवं प्रशिक्षकों की भर्ती सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि खिलाड़ियों की सुरक्षा और उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।

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