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डेंगू व मलेरिया के मामले बढ़ने पर दिल्ली के अस्पतालों पर बढ़ेगा दबाव

डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के साथ चिकनगुनिया व मलेरिया भी हो सकता है इसलिए मच्छर जनित बीमारियों का संक्रमण बढ़ने पर मरीजों के लिए तो समस्या होगी ही अस्पतालों में मरीजों का दबाव भी बढ़ेगा।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 10:50 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 10:50 AM (IST)
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के साथ डेंगू के मामलों की सांकेतिक फोटो।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी से लोग सात माह से जूझ रहे हैं। अभी इससे लोगों को राहत भी नहीं मिली है कि डेंग, चिकनगुनिया व मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों का संक्रमण बढ़ने लगा है। कई लोगों में कोरोना व डेंगू का संक्रमण एक साथ देखा जा रहा है। डॉक्टर कहते हैं कि कोरोना के साथ चिकनगुनिया व मलेरिया भी हो सकता है, इसलिए मच्छर जनित बीमारियों का संक्रमण बढ़ने पर मरीजों के लिए तो समस्या होगी ही, अस्पतालों में मरीजों का दबाव भी बढ़ेगा। साथ ही डेंगू के इलाज के लिए अस्पतालों में अगल व्यवस्था करने में मुश्किलें आ सकती हैं। इसका कारण यह है कि सभी बड़े अस्पताल कोरोना के इलाज में लगे हुए हैं। जिसमें दिल्ली सरकार के चार प्रमुख अस्पतालों सहित आठ व केंद्र के सभी अस्पताल शामिल हैं। वहीं निजी अस्पताल भी कोरोना के इलाज में लगे हैं। निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए आइसीयू में बेड भी कम पड़ रहे हैं। ऐसे में यदि डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के मामले बढ़ते हैं तो इन बीमारियों के इलाज के लिए अस्पतालों में व्यवस्था करना बड़ी चुनौती होगी। डेंगू, मलेरिया व चिनकगुनिया में डेंगू ज्यादा खतरनाक बीमारी है। डॉक्टर कहते हैं कि इस बीमारी से पीडि़त कई मरीजों में प्लेटलेट्स तेजी से गिरता है। इस वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। समस्या यह है कि डेंगू के मरीज को कोरोना के वार्ड में भर्ती नहीं किया जा सकता।

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वैसे तो इस साल डेंगू व चिनकनगुनिया के मामले पिछले सालों के मुकाबले बहुत कम है। इसलिए थोड़ी राहत की बात जरूरत है। फिर भी यह देखा गया है कि अक्टूबर में डेंगू व चिकनगुनिया के मामले अधिक आते हैं। इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है। एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. आशुतोष विश्वास ने कहा कि डेंगू व कोरोना के मरीजों को एक साथ नहीं रख सकते, इसलिए डेंगू के मामले बढ़ने पर उन मरीजों के लिए भी अस्पतालों में बेड की व्यवस्था करनी पड़ेगी। यदि मामले बढ़ते हैं तो थोड़ी परेशानी हो सकती है। इसके अलावा डेंगू व कोरोना का संक्रमण एक साथ होने पर इलाज भी चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि डेंगू के मरीजों को आईवी फ्लूड अधिक चढ़ाया जाता है। वहीं, कोरोना वायरस संक्रमण के कारण फेफड़े में संक्रमण होता है, इसलिए डेंगू व कोरोना एक साथ होने पर अधिक आईवी फ्लूड देने पर मरीज की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए बहुत सतर्कता के साथ आईवी फ्लूड देना होता होता है। 

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