द्वारका में बनेगा दिल्ली का पहला आइस स्केटिंग रिंक, सुविधा शुरू करने के लिए टेंडर हुआ अवार्ड
दिल्ली के द्वारका में दिल्ली का पहला आइस स्केटिंग रिंक खुलने जा रहा है। डीडीए ने सेक्टर-23 स्थित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में यह सुविधा शुरू करने के लिए एक एजेंसी को काम सौंपा है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आइस स्केटिंग में लोगों की बढ़ती रुचि को देखते हुए यह फैसला लिया था। इस रिंक में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं होंगी और यह 4200 वर्ग मीटर में फैला होगा।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। द्वारका में दिल्ली का पहला आइस स्केटिंग सुविधा स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हो चुका है। डीडीए ने सेक्टर-23 स्थित डीडीए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में एक विश्व स्तरीय आइस स्केटिंग रिंक बनाने का कार्य एक एजेंसी को अवार्ड कर दिया है।
डीडीए का दावा है कि नए आइस स्केटिंग रिंक की पहल से, दिल्ली के निवासियों को मनोरंजनात्मक अवसर प्रदान करने के साथ-साथ खेल प्रेमियों के प्रशिक्षण हेतु अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार करने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
कुछ समय पूर्व उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पूरे भारत में आइस हॉकी, आइस स्केटिंग, फिगर स्केटिंग और कर्लिंग जैसे विशिष्ट खेलों में बढ़ती रुचि को देखते हुए, डीडीए के अधिकारियों को दिल्ली में ही ऐसी सुविधा विकसित करने की संभावनाओं का पता लगाने का निर्देश दिया था।
यह देखा गया कि राष्ट्रीय राजधानी में इन खेलों के प्रति उत्साही लोगों के प्रशिक्षण, भागीदारी और आयोजकों के लिए आयोजन स्थान सीमित हैं, इसलिए एक आइस स्केटिंग रिंक बनाने का निर्णय लिया गया। इस आगामी सुविधा का उद्देश्य इन खेलों के लिए एक समर्पित एरेना प्रदान करके इस अंतर को पाटना है।
जलवायु नियंत्रित वातावरण में काम करेगा यह रिंक
दिल्ली में लंबे और भीषण गर्मी के महीनों को देखते हुए, यह आइस स्केटिंग रिंक एक अद्वितीय इनडोर मनोरंजनात्मक स्थल के रूप में कार्य करेगा, जिसमें जलवायु-नियंत्रित वातावरण प्रदान किया जाएगा।
सेक्टर-23 स्थित द्वारका स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के क्लोवरलीफ में आइस स्केटिंग रिंक का विकास किया जा रहा है। 4,200 वर्ग मीटर में फैले इस आइस स्केटिंग रिंक में 60 मीटर X 30 मीटर का रिंक और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार संबंधित बुनियादी ढांचा होगा।
फिलहाल यह स्थल चयनित एजेंसी को सौंप दिया गया है और परियोजना शीघ्र ही शुरू होने की उम्मीद है। यह सुविधा 15 वर्षों के लिए लाइसेंस शुल्क के आधार पर क्रियान्वित की जाएगी। एजेंसी अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ संयुक्त उद्यम बनाकर इस सुविधा के निर्माण और संचालन के लिए ज़िम्मेदार होगी।
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