Delhi Pollution: पिछले पांच सालों में यमुना सबसे ज्यादा मैली, औद्योगिक अपशिष्ट गिरने से बढ़ रहा प्रदूषण
Delhi Pollution दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति नदी के पानी के नमूने एकत्र करती है। जिस जगह से यमुना दिल्ली में प्रवेश करती है- वजीराबाद के साथ साथ आइएसबीटी पुल आइटीओ पुल निजामुद्दीन पुल ओखला बैराज पर आगरा नहर ओखला बैराज और असगरपुर आदि जगहों के आकड़े जारी किए गए हैं।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Yamuna Pollution: राजधानी में यमुना का प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसी को लेकर पर्यावरण विभाग ने एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमें जिक्र किया गया है कि यमुना नदी में प्रदूषण का भार पिछले पांच वर्षों में काफी बढ़ गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) नदी के पानी के नमूने एकत्र करती है। जिस जगह से यमुना दिल्ली में प्रवेश करती है- वजीराबाद के साथ साथ आइएसबीटी पुल, आइटीओ पुल, निजामुद्दीन पुल, ओखला बैराज पर आगरा नहर, ओखला बैराज और असगरपुर आदि जगहों के आकड़े जारी किए गए हैं।
2025 तक यमुना के पानी को नहाने लायक साफ करने का वादा
दिल्ली सरकार ने भले ही वर्ष 2025 तक यमुना के पानी को नहाने लायक साफ करने का वादा किया हो लेकिन पर्यावरण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच साल में नदी में प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, पल्ला को छोडक़र, राष्ट्रीय राजधानी में प्रत्येक स्थान पर परीक्षण के लिए एकत्र पानी के नमूने में जैविक आक्सीजन मांग (बीओडी) का सालाना औसत स्तर बढ़ गया है।
बीओडी पानी की गुणवत्ता मापने के लिए एक महत्वपूर्ण मानक
बीओडी पानी की गुणवत्ता मापने के लिए एक महत्वपूर्ण मानक है। यह किसी जलाशय में मौजूद कार्बनिक पदार्थों को विघटित करने के लिए सूक्ष्मजीवों द्वारा आवश्यक आक्सीजन की मात्रा है। अगर बीओडी का स्तर तीन मिलीग्राम प्रति लीटर से कम हो तो उसे अच्छा स्तर माना जाता है। समिति के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच साल के दौरान (2017 से 2022) पल्ला में वार्षिक औसत बीओडी स्तर में खास परिवर्तन नहीं हुआ है, लेकिन यह वजीराबाद में करीब तीन मिलीग्राम प्रति लीटर से बढक़र करीब नौ मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया है।
इस दौरान आइएसबीटी पुल पर बीओडी स्तर लगभग 30 मिलीग्राम प्रति लीटर से बढक़र 50 मिलीग्राम प्रति लीटर और आइटीओ पुल पर 22 मिलीग्राम प्रति लीटर से 55 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया है।निजामुद्दीन पुल पर बीओडी स्तर 23 मिलीग्राम प्रति लीटर से करीब 60 मिलीग्राम प्रति लीटर, ओखला में 26 मिलीग्राम प्रति लीटर से 69 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गया है।
नदी में लगभग 80 प्रतिशत प्रदूषण के लिए नाले जिम्मेदार
यदि बीओडी तीन मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है और घुलित आक्सीजन (डीओ) की मात्रा पांच मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है तो यमुना नदी के पानी को स्नान के लिए ठीक माना जा सकता है।मालूम हो कि वजीराबाद और ओखला के बीच घरेलू अपशिष्ट जल और औद्योगिक अपशिष्ट को ले जाने वाले 22 नाले यमुना में गिरते हैं। विडंबना यह भी कि दिल्ली में 22 किलोमीटर का हिस्सा नदी की कुल लंबाई के दो प्रतिशत से भी कम है, लेकिन यही हिस्सा नदी में लगभग 80 प्रतिशत प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है।
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