दिल्ली वालों को सता रहा बाढ़ का डर, पानी का जलस्तर देख अटक गई सांसें; अलर्ट मोड पर अफसर
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर फिर से खतरे के निशान को पार कर गया है जिससे यमुना तट के पास रहने वाले लोगों में चिंता बढ़ गई है। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद नदी में उफान आया है। प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर तक पहुँच गया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी में यमुना नदी के पानी का जलस्तर एक बार फिर चिंता का सबब बन गया है। हथिनीकुंड से पानी छोड़े जाने के बाद सोमवार को राजधानी में यमुना नदी एक बार फिर ऊफान मारते हुए खतरे के निशान को पार कर गई है। ऐसे में यमुना तट के करीब रह रहे लोगों में खलबली मच गई है। प्रशासन हर परिस्थिति पर नजर बनाए हुए है। साथ ही, एडवाइजरी जारी कर नदी के किनारे रहने वाली आबादी को कहीं और चले जाने के लिए भी कहा गया है।
अधिकारियों की बढ़ी चिंता
दरअसल, हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद से दिल्ली में यमुना का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है। ऐसे में दिल्ली में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सोमवार को यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर का आंकड़ा छू गया, जो अधिकारियों के लिए चिंता का सबब है।
कैसे मापा जाता है यमुना में खतरे का निशान
गौरतलब है कि दिल्ली के लिए यमुना का खतरनाक जलस्तर 204.50 मीटर माना जाता है। वहीं, खतरे का निशान 205.33 मीटर है और निकासी 205.33 मीटर पर माना गया है। यमुना में एक पुराना रेल पुल है जो कि खतरे के निशान का सूचक है।
यही दिल्ली में बाढ़ के आने और न आने का मापक है। अगर पानी पुल की निर्धारित ऊंचाई को छू लेता है तो दिल्ली में बाढ़ आने की पूरी संभावना हो जाती है। यमुना का जलस्तर अब उसी निशान के इर्द-गिर्द बना हुआ है, जो सबकी धड़कनें बढ़ाए हुए है।
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