Delhi Water Crisis: राजनेताओं के आरोप-प्रत्यारोप के बीच दिल्ली में गहराता जा रहा जल संकट, कब निकलेगा समाधान?
दिल्ली में गर्मी बढ़ते ही पानी की समस्या गहराने लगी है जिस पर राजनीति भी तेज हो गई है। पिछले साल की तरह इस बार भी AAP और BJP एक-दूसरे पर पानी रोकने का आरोप लगा रही हैं। दिल्ली को प्रतिदिन 1290 एमजीडी पानी की जरूरत है जबकि उपलब्धता कम है जिससे जलापूर्ति बाधित हो रही है। इस समस्या को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। हर साल गर्मियों में दिल्ली वालों को पानी के संकट से जूझना पड़ता है। पिछले साल मई और जून में दिल्ली के कई इलाकों में पानी की समस्या आई थी। इस पर खूब राजनीति हुई थी। इस बार भी मई के पहले हफ्ते में ही पानी का संकट और इस पर राजनीति शुरू हो गई है।
पिछले साल दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, जिसने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर कम पानी देने का आरोप लगाया था। इस बार दिल्ली में बीजेपी की सरकार है। उसने पंजाब की आप सरकार पर भाखड़ा जलाशय का पानी रोककर दिल्ली में जल संकट पैदा करने का आरोप लगाया है।
दिल्ली में हर दिन कितना पानी की जरूरत?
दिल्ली को हर दिन करीब 1,290 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) पानी की जरूरत है। इसकी तुलना में यमुना, भाखड़ा जलाशय, गंगा (उत्तर प्रदेश की गंग नहर के जरिए) और दिल्ली जल बोर्ड के ट्यूबवेल और रेनवेल से करीब एक हजार एमजीडी पानी उपलब्ध है। पंजाब के भाखड़ा जलाशय से हरियाणा को मिलने वाले पानी में से 500 क्यूसेक (270 एमजीडी) पानी दिल्ली को दिया जाता है।
भाखड़ा और यमुना का पानी दिल्ली सब ब्रांच (डीएसबी) और कैरियर लाइन चैनल (डीएसबी) नहर के जरिए हरियाणा से दिल्ली पहुंचता है। इस समय इससे करीब 15 फीसदी कम पानी आ रहा है, जिससे दिल्ली में जलापूर्ति बाधित हो रही है।
इसे लेकर बुधवार को दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने आप पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया था। भाजपा सांसदों ने उपराज्यपाल से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी। उन्होंने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था।
भाजपा नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव में मिली हार का बदला लेने के लिए आप गंदी राजनीति कर रही है। इसे सफल नहीं होने दिया जाएगा। भाजपा इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष भी उठाएगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली में जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
इस तरह दिल्ली पहुंचता है पानी
- डीएसबी से : 178 एमजीडी
- सीएलसी से : 369 एमजीडी
- उत्तर प्रदेश से ऊपरी गंगा नहर से: 254 एमजीडी
- दिल्ली के ट्यूबवेल और रेनीवेल : 135 एमजीडी
- कुल : 936 एमजीडी
इसके अतिरिक्त लगभग 100 एमजीडी पानी सीधे यमुना से भी लिया जाता है।
भाजपा सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- भाजपा सरकार ने अपने पहले बजट में जलापूर्ति को बेहतर बनाने के लिए करीब छह सौ करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया है।
- ट्यूबवेल लगाने पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
- हरियाणा से आने वाली कच्ची नहर से पानी की बर्बादी रोकने और अमोनिया की समस्या के समाधान के लिए तीन सौ करोड़ रुपये खर्च कर 11 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाने की घोषणा की गई है।
- पानी की चोरी रोकने के लिए 1111 टैंकरों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है।

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