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    यमुना विहार में बनेगा नया सीवरेज उपचार संयंत्र, NGT के आदेश के बाद सात पुराने एसटीपी का होगा अपग्रेड

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 10:13 PM (IST)

    यमुना नदी में प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने यमुना विहार फेज चार में एक नया सीवरेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) बनाने का फैसला किया है। इसके अतिरिक्त दिल्ली में स्थित सात पुराने एसटीपी का भी उन्नयन किया जाएगा। इस परियोजना पर कुल 917.33 करोड़ रुपये खर्च होंगे जिससे 52 एमजीडी सीवरेज का उपचार किया जा सकेगा।

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    यमुना विहार में बनेगा नया सीवरेज उपचार संयंत्र।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। नालों व सीवर का गंदा पानी यमुना में गिरकर उसे दूषित कर रहे हैं। समस्या के समाधान के लिए नए सीवरेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) के निर्माण की योजना तैयार की जा रही है। साथ ही एनजीटी के निर्देश अनुसार पुराने का उन्नयन किया जा रहा है। इसी कड़ी में यमुना विहार फेज चार में नया एसटीपी बनाने के साथ ही दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर स्थित सात पुराने एसटीपी का उन्नयन किया जाएगा।

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    दिल्ली में कई नालों का पानी सीधे यमुना में गिर रहा है। वहीं, 37 एसटीपी में से अधिकांश मानक व क्षमता के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं। इससे यमुना में प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके समाधान के लिए एनजीटी ने वर्ष 2015 में एसटीपी के उन्नयन का आदेश दिया था। अभी तक यह कार्य पूरा नहीं हुआ है। पिछले दिनों हाई कोर्ट की कमेटी की रिपोर्ट में भी दिल्ली के एसटीपी की गुणवत्ता पर प्रश्न खड़े किए गए हैं।

    सभी नालों व सीवर का पानी शोधित कर यमुना में डाला जाए इसके लिए नए एसटीपी का निर्माण व पुराने के उन्नयन कार्य में तेजी लाने की आवश्यकता है। यमुना सफाई अभियान में भी इसे लेकर योजना तैयार की गई है। इसे ध्यान में रखकर सोमवार को हुई दिल्ली जल बोर्ड की 173वीं बोर्ड बैठक में 917.33 करोड़ रुपये की लागत से एक नया एसटीपी बनाने व सात के उन्नयन का निर्णय लिया गया। इससे लगभग 52 एमजीडी सीवरेज का उपचार हो सकेगा।

    यमुना विहार फेज चार में 15 एमजीडी क्षमता का नया एसटीपी बनाया जाएगा। निर्माण व 12 वर्षों तक इसके संचालन व रखरखाव के साथ ही यमुना विहार फेज तीन स्थित एसटीपी की क्षमता 25 एमजीडी से 40 एमजीडी करने के लिए कुल 403 करोड़ रुपये खर्च होंगे। केशोपुर एसटीपी फेज एक की क्षमता को 12 से 18 एमजीडी तक बढ़ाने तथा 11 वर्षों तक इसके संचालन एवं रखरखाव" के कार्य हेतु कुल 133.33 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

    वसंत कुंज फेज एक एसटीपी की क्षमता 2.2 से बढ़ाकर 3.2 एमजीडी करने, वसंत कुंज फेज दो एसटीपी की क्षमता 3 से 4.5 एमजीडी करने, घिटोरनी एसटीपी की क्षमता 5 से 7.5 एमजीडी करने, महरौली एसटीपी की क्षमता 5 से 7.5 एमजीडी करने तथा ओखला फेज चार एसटीपी की क्षमता 16 से 24 एमजीडी करने का निर्णय लिया गया। इन पांचों एसटीपी की क्षमता 15.5 एमजीडी बढाने का लक्ष्य है। इनके उन्नयन और 12 वर्षों के संचालन व रखरखाव पर 381 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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