दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, पानी का बढ़ा बिल अब नहीं बनेगा दिल्ली वालों के लिए सिरदर्द, जानें क्या है योजना
दिल्ली सरकार ने पानी के बढ़े बिलों से परेशान उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए ‘वन टाइम सेटलमेंट’ योजना शुरू करने का फैसला किया है। जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि इस योजना में पुराने घरेलू और सरकारी पानी के बिलों पर छूट मिलेगी और बिल माफी सिर्फ एक बार मिलेगी। इसके साथ ही वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के अपग्रेडेशन को भी मंजूरी दी गई है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने पानी के बढ़े बिलों से परेशान लाखों उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देने की ओर कदम बढ़ा दिया है।
जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने प्रेसवार्ता में बताया कि जल्द ही ‘वन टाइम सेटलमेंट’ योजना लागू होगी, जिसमें पुराने घरेलू और सरकारी पानी के बिलों पर छूट मिलेगी।
इस योजना के लागू होने तक किसी का कनेक्शन नहीं कटेगा। बिल माफी सिर्फ एक बार मिलेगी, इसलिए उपभोक्ताओं को इसका लाभ उठाने का मौका मिलेगा।
दो महीने में पूरी होगी प्रक्रिया, अगली बैठक में आएगा प्रस्ताव
योजना के लिए जल बोर्ड का सॉफ्टवेयर अपडेट किया जा रहा है, उम्मीद है दो माह में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और अगली बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव आ सकता है।
दिल्ली जल बोर्ड के पुराने सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जा रहा है, ताकि बिलिंग सिस्टम में सुधार हो और उपभोक्ताओं को गलत बिलिंग से राहत मिले।
डब्ल्यूटीपी होंगे अपग्रेड, 30 लाख लोगों को मिलेगी राहत
दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में कई और अहम फैसले लिए गए। वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अपग्रेडेशन को एडीबी के सहयोग से मंजूरी दी गई, जिससे 30 लाख लोगों को बेहतर जल आपूर्ति मिलेगी।
2013 में यह करार हुआ था 2433 करोड़ का फंड मिलना था, लेकिन पूर्व की सरकार ने इसे लागू नहीं किया। पूर्व की सरकार कमीशन की मांग कर रही थी।
जल बोर्ड की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। अब केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। छह -सात माह में शुरू होगा। अब इसकी लागत 3715 करोड़ रुपये का हो गई है। इससे 30 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।
51 करोड़ की लागत से इन दो काॅलोनियों मे बिछेगी सीवर लाइन
सोनिया विहार और हसनपुर में सीवर लाइन बिछाने को भी मंजूरी मिली है, जो क्रमशः 12 और 15 माह में पूरे होंगे। इस पर करीब 51 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
इंजीनियरों की कमी दूर करने के लिए 131 नए इंजीनियरों की भर्ती भी होगी। केंद्र, राज्य, सार्वजनिक क्षेत्र के सेवानिवृत्त इंजीनियरों की भर्ती की जाएगी। उनके पास वित्तीय अधिकार नहीं होगा।
अभी तक डीडीए या अन्य सरकारी एजेंसी जब कोई आवासीय परिसर बनाते थे तो उन्हें जल बोर्ड पानी और सीवर कनेक्शन नहीं देता था। अब इस दिशा में तुरंत काम किया जाएगा।
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