Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंगोलपुरी में पेड़ काटे जाने के मामले में NGT ने दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस, अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को

    Updated: Sat, 05 Jul 2025 07:39 PM (IST)

    दिल्ली के मंगोलपुरी में बिना अनुमति पेड़ काटे जाने के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है और जवाब तलब किया है। यह कार्रवाई पूर्व में पारित आदेश के पालन न होने पर की गई है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सरकार से पूछा है कि आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। मामले की अगली सुनवाई सात अक्तूबर को होगी।

    Hero Image
    मंगोलपुरी में पेड़ काटे जाने के मामले में एनजीटी ने दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के मंगोलपुरी क्षेत्र में पार्क के अंदर बिना अनुमति के पेड़ काटे जाने के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। यह कार्रवाई पूर्व में पारित आदेश के पालन न होने पर की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जब आदेश स्पष्ट रूप से दिया गया था तो अब तक अनुपालन क्यों नहीं हुआ। पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए उसे अगली सुनवाई से पहले अपना पक्ष रखने को कहा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि अगली सुनवाई से पहले तक आदेशों का पालन नहीं हुआ, तो मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और जवाबदेही तय की जाएगी।

    मामले की अगली सुनवाई सात अक्तूबर को

    कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि आगामी सुनवाई तक आदेशों का पालन नहीं हुआ, तो मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और जवाबदेही तय की जाएगी।

    पूरा मामला मूल रूप से याचिकाकर्ता राजन द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है, याचिका में आरोप लगाया गया था कि मंगोलपुरी के वाइ-ब्लाक स्थित डीडीए मार्केट नंबर-तीन के सामने पार्क में खड़ा एक पूर्ण विकसित वृक्ष बिना किसी अनुमति के काट दिया गया।

    चार माह के अंदर अधिकरण को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी

    इस पर चार मार्च 2024 को अधिकरण ने आदेश पारित करते हुए दिल्ली सरकार के अधीन नियुक्त वृक्ष अधिकारी को निर्देश दिए थे कि वह मामले की जांच कर चार सप्ताह के भीतर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को रिपोर्ट सौंपे। इसके बाद मामले में डीपीसीसी को आठ सप्ताह में आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर चार माह के अंदर अधिकरण को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी।

    हालांकि, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हरीश कुमार गुप्ता ने पीठ को बताया कि न तो वृक्ष अधिकारी ने रिपोर्ट सौंपी, न ही डीपीसीसी द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई की गई है। ऐसे में अधिकरण के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है।

    यह भी पढ़ें- दिल्ली रिश्वत मामले में डॉ. उमाशंकर अम्बरासन को नहीं मिली जमानत, सीबीआई करेगी पूछताछ