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Delhi Noise Pollution: ध्वनि प्रदूषण को लेकर ट्रैफिक पुलिस का बड़ा कदम, सख्ती से कराया जाएगा नियमों का पालन

Delhi Noise pollution राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी बड़ी समस्या है। ध्वनि प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस अब सख्ती बरतेगी। नियमों का उल्लंघन का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Abhishek TiwariPublished: Thu, 29 Sep 2022 08:59 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 08:59 AM (IST)
Delhi Noise Pollution: ध्वनि प्रदूषण को लेकर ट्रैफिक पुलिस का बड़ा कदम, सख्ती से कराया जाएगा नियमों का पालन
Delhi Noise pollution: ध्वनि प्रदूषण को लेकर ट्रैफिक पुलिस का बड़ा कदम

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ध्वनि प्रदूषण (Noise pollution) की समस्या को ध्यान में रखकर दिल्ली यातायात पुलिस ने विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है। नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ सख्ती की जाएगी। यह जरूरी भी है, क्योंकि राजधानी में ध्वनि प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है।

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इन इलाकों में समस्या गंभीर

कई स्थानों पर यह तय मानक से बहुत ज्यादा है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा संचालित रियल टाइम मानिटरिंग निगरानी स्टेशनों के आंकड़ों को देखें तो राजधानी के अधिकांश क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण का स्तर तय मानकों से घटता- बढ़ता रहता है। लेकिन, करोल बाग, शाहदरा, लाजपत नगर, द्वारका सहित कई अन्य स्थानों पर यह समस्या गंभीर है।

सुबह से देर रात तक इन स्थानों पर शोर रहता है। आवासीय क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण दिन में 55 डेसीबल और रात में 44 डेसीबल से ज्यादा नहीं होना चाहिए, लेकिन कई स्थानों पर रात में यह 68 डेसीबल तक दर्ज हो रहा है। ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों का शोर है।

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वाहन चालकों द्वारा नियमों का उल्लंघन करने से समस्या ज्यादा बढ़ रही है। पुलिस के अनुसार दो पहिया वाहन चालक ज्यादा नियमों का उल्लंघन करते हैं। मोडिफाइड साइलेंसर और प्रेशर हार्न से सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण हो रहा है।राजधानी में वायु प्रदूषण को लेकर चिंता जताई जाती है, इसे रोकने के लिए कई कदम भी उठाए जा रहे हैं। इसके विपरीत ध्वनि प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

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इसे रोकने के लिए कानून तो बने हुए हैं परंतु उसे सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है। ध्वनि प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है, इसलिए अविलंब ठोस कदम उठाने की जरूरत है। वाहनों का शोर कम करने के लिए सड़कों के दोनों तरफ वृक्ष लगाने, प्रेशर हार्न का उपयोग पूरी तरह से बंद करने, इलेक्टि्रक वाहनों को बढ़ावा देने और निर्माण कार्य में शोर रहित मशीनों का प्रयोग कर इस समस्या को हल किया जा सकता है।


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