देश की सबसे बड़ी जेल में जगह की किल्लत होगी खत्म, जल्द शुरू होगा बहुमंजिला इमारत का काम
तिहाड़ जेल में कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक बहुमंजिला प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत तिहाड़ की सभी जेलों का पुनर्निर्माण किया जाएगा और उन्हें तीन मंजिला बनाया जाएगा। यह परियोजना सात चरणों में पूरी होगी और करीब पांच साल में पूरी होने की उम्मीद है। इस परियोजना से तिहाड़ जेल में कैदियों की भीड़भाड़ की समस्या हल हो जाएगी।

गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। क्षमता से दो गुना अधिक कैदियों वाली देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में इस समस्या का समाधान ढूंढ लिया गया है। समाधान के लिए अब तिहाड़ में केवल भूतल वाले वार्ड नहीं रहेंगे, इनकी जगह अब यहां बहुमंजिला इमारत खड़ी की जाएंगी।
इस परियोजना के लिए जेल के डीआइजी राजीव कुमार सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी, जिसके बाद इस योजना पर जमीनी कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जेल प्रशासन का कहना है कि बहुमंजिला तिहाड़ जेलों में कैदियों की अत्यधिक संख्या से जुड़ी समस्या का पूरी तरह समाधान कर देगा।
सात चरणों में बनेगा बहुमंजिला तिहाड़
कमेटी ने अभी तक जो विचार किया है, उसके अनुसार तिहाड़ की सभी जेलों का पुनर्निर्माण सात चरणों में पूरा किया जाएगा। एक जेल एक वार्ड के सिद्धांत पर अमल करते हुए पहले किसी एक जेल के एक वार्ड को ढहाकर उसकी जगह तीन मंजिला इमारत खड़ी की जाएगी।
एक वार्ड के पूरा होने के बाद दूसरे वार्ड पर हाथ लगाया जाएगा। जब एक जेल के सभी वार्ड बनकर तैयार हो जाएंगे तब दूसरी जेल में काम शुरू किया जाएगा। करीब पांच वर्षों में यह काम पूरा होगा।
नरेला में भी बनेगी जेल
तिहाड़ को बहुमंजिला तिहाड़ बनाने के अलावा अब नरेला में भी तीन नए जेल का निर्माण किया जाएगा। इसमें एक जेल हाई सिक्योरिटी जेल होगा, जिसकी क्षमता 256 कैदियों की होगी। इसके साथ ही यहां सामान्य कैदियों के लिए दो नए जेल बनाए जाएंगे।
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केवल जगह का विस्तार ही नहीं, कर्मियों की भी बढ़ाई जा रही संख्या
जेलों में जगह का विस्तार तो हो रहा है, लेकिन जगह बढ़ने पर निगरानी के लिए कर्मियों की संख्या बढ़ानी होगी। अभी तिहाड़ में जो भी बैरक हैं, वे सभी भूतल पर बने हैं। लेकिन जब तलों की संख्या बढ़ेगी तो निगरानी के लिए कर्मियों की संख्या भी बढ़ानी होगी।
जेल प्रशासन ने भविष्य की जरुरतों पर अभी से ध्यान देना शुरू कर दिया है। जेल प्रशासन ने जेलकर्मियों के लिए करीब 3247 नए पदों का सृजन किया है। इनमें आधे से अधिक कर्मी वार्डर संवर्ग के हैं। शेष में हेड वार्डर, मेट्रन, हेड मेट्रन, अतिरिक्त अधीक्षक व अन्य पद शामिल हैं।
कौन सा है सबसे पुराना जेल परिसर?
दिल्ली में अभी तीन जेल परिसर हैं। इसमें तिहाड़, रोहिणी व मंडोली शामिल है। तिहाड़ सबसे पुराना जेल परिसर है, जिसमें नौ अलग अलग जेल हैं। रोहिणी में एक और मंडोली में छह जेल हैं।
रोहिणी व मंडोली जेल में भूतल पर दो और तल बने हैं, लेकिन तिहाड़ परिसर की सभी जेल में केवल भूतल वाली इमारत है। इस जेल परिसर में क्षमता व कैदियों की संख्या के बीच भारी असंतुलन की स्थिति रहती है। उदाहरण के लिए जेल संख्या चार में क्षमता से चार गुना अधिक कैदी अक्सर बंद रहते हैं।

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