'2015-20 में किया वादा, अब हम 25 में हैं...मैं केजरीवाल से पूछता हूं'; AAP के पूर्व मंत्री ने ही Ex CM पर उठाए सवाल
Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव की लड़ाई बीते कुछ दिन से पानी के मुद्दे पर हो रही है। यमुना के जहरीले पानी को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी में वार-पलटवार चल रहा है। इन सबके बीच AAP के पूर्व परिवहन और गृहमंत्री कैलाश गहलोत अब केजरीवाल हमलावर दिख रहे हैं। गहलोत ने AAP की आलोचना की है।

एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली की बिजवासन सीट से भाजपा उम्मीदवार कैलाश गहलोत ने गुरुवार को 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में बार-बार वादों के बावजूद दिल्ली में जल संकट को दूर करने में विफल रहने के लिए AAP सरकार की आलोचना की।
एएनआई से बात करते हुए गहलोत ने हर घर में जल कनेक्शन प्रदान करने में प्रगति की कमी और बिजवासन, नजफगढ़, महरौली और पालम जैसे क्षेत्रों में लगातार पानी की कमी की ओर इशारा करते हुए AAP के शासन मॉडल पर सवाल उठाया।
गहलोत (Kailash Gehlot) ने कहा कि "मैं आप और अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने दिल्ली को शासन का कौन सा मॉडल दिया है। यह न केवल दिल्ली के लिए बल्कि पूरे देश के लिए शर्म की बात है। आप ने 2015 में दिल्ली के हर घर में पानी का कनेक्शन देने का वादा किया था। फिर 2020 में भी यही वादा किया। अब, हम 2025 में हैं और लोग उसी जल संकट का सामना कर रहे हैं, यह स्थिति केवल बिजवासन में नहीं है, बल्कि नजफगढ़, महरौली और पालम में हर जगह पानी की भारी समस्या है।
गहलोत ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार की रिपोर्ट के अनुसार 40% पानी बर्बाद हो रहा है। आपको बताना चाहिए कि उन्होंने पानी की बर्बादी रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि जब भी वे (आप) कोई काम नहीं कर पाते तो दूसरों पर आरोप लगाना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा चाहे वह केंद्र सरकार हो, एलजी हो या आसपास के राज्य हों। इस बार दिल्ली के लोगों ने अपना मन बना लिया है और यहां भाजपा की सरकार बनने जा रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होंगे और वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, मुकाबला गर्म हो गया है, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सभी जीत के लिए प्रयासरत हैं। 2020 के चुनावों में AAP ने 70 में से 62 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी को सिर्फ 8 सीटें मिलीं। लगातार 15 वर्षों तक दिल्ली पर शासन करने वाली कांग्रेस को हाल के चुनावों में संघर्ष करना पड़ा और कोई भी सीट हासिल करने में असफल रही।
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