दिल्ली की प्यास बुझाने के लिए रेखा गुप्ता सरकार का प्रयास, ट्रीटेड पानी के बदले यूपी से गंगाजल की मांग
दिल्ली सरकार ने उत्तर प्रदेश से 50 एमजीडी गंगाजल की अतिरिक्त आपूर्ति का अनुरोध किया है ताकि राजधानी में पेयजल की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। इसके बदले में दिल्ली सरकार उत्तर प्रदेश को सिंचाई के लिए 100 एमजीडी उपचारित जल देने का प्रस्ताव दे रही है। पहले भी इस तरह का एक प्रस्ताव लंबित था।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में बढ़ रही पेयजल की मांग को पूरा करना दिल्ली जल बोर्ड के लिए बड़ी चुनौती है। लगभग 1250 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) पेयजल की आवश्यकता है।
इसकी तुलना में लगभग 1000 एमजीडी पानी उपलब्ध होता है। इस तरह से लगभग 250 एमजीडी कम पानी मिल रहा है। इस अंतर को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने उत्तर प्रदेश से और गंगाजल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
इसके बदले उत्तर प्रदेश को सिंचाई के लिए सीवरेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) का उपचारित जल देगा। अभी दिल्ली के सोनिया विहार और भागीरथी जल संयंत्र के लिए उत्तर प्रदेश से 240 एमजीडी गंगाजल मिल रहा है।
पूर्व की आप सरकार के कार्यकाल में भी एसटीपी के उपचारित जल के बदले गंगाजल लेने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश 140 एमजीडी पानी देने को तैयार हुआ था।
पानी लाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुरादनगर से दिल्ली के सोनिया विहार तक दूसरी लाइन बिछाने का खर्च दिल्ली सरकार को उठाना था।
साथ ही आगरा नहर के माध्यम से 140 एमजीडी उपचारित जल सिंचाई के लिए देना था। इसे लेकर अधिकारियों के स्तर पर बातचीत हुई थी, लेकिन परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी। अब एक बार फिर से अतिरिक्त गंगाजल प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार से 50 एमजीडी गंगाजल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
इसके बदले आगरा नहर के माध्यम से 100 एमजीडी उपचारित जल देने का प्रस्ताव रखा गया है। अभी तक इसे लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। बातचीत जारी है।
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