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    दिल्ली के स्कूलों के नाम बदलने की तैयारी में सरकार! शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने दी नामकरण की जानकारी

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 09:47 PM (IST)

    कारगिल विजय दिवस पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि सरकार दिल्ली के अच्छे स्कूलों का नाम बलिदानियों के नाम पर रखने की संभावना तलाशेगी ताकि बच्चे उनसे प्रेरणा ले सकें। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश सेवा के लिए सीमा पर जाना ही ज़रूरी नहीं बल्कि देशहित में काम करना भी देशभक्ति है।

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    दिल्ली के अच्छे स्कूलों के नाम दिल्ली के बलिदानियों के नाम पर हों: आशीष सूद

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में राजौरी गार्डन स्थित शिवाजी कालेज में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली के अच्छे स्कूलों के नाम दिल्ली के बलिदानियों के नाम पर हों, इसकी संभावना सरकार तलाशेगी। ऐसा होने पर बलिदानियों से बच्चे प्रेरणा लेकर देश के लिए अच्छा काम कर पाएंगे।

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    कार्यक्रम में बलिदानी कैप्टन सुमित राय की मां स्वप्ना राय, कॉलेज के प्रिंसिपल, शिक्षक ओर छात्र उपस्थित थे।इस दौरान सभी ने कालेज के पूर्व छात्र रहे बलिदानी कैप्टन सुमित राय, कैप्टन हनीफ उदीन तथा कैप्टन अनुज नैय्यर को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

    तीनों के सर्वाेच्च बलिदान का स्मरण करते हुए मंत्री ने कहा कि इन्होंने अपनी अल्प आयु में दुश्मनों से लड़कर लोहा लिया। असाधारण वीरता और त्वरित कारवाइ ने उस मोर्चे पर विजय दिलाई। शरीर पर गहरे ज़ख्मों के बावजूद, अपनी आखिरी सांस तक उन्होंने एक के बाद एक दुश्मन के बंकरों को नेस्तनाबूत किया और तिरंगे को चोटीयों पर लहराने का मार्ग प्रशस्त किया। इस वीरता को देश सलाम करता है।

    आशीष सूद ने कहा की कि बलिदानियों को याद करना सबको अच्छा लगता है। सभी बलिदानियों से प्रेरणा लेना चाहते हैं। लेकिन बलिदानी मेरे घर में जन्मे यह कोई नही चाहता। हर कोई चाहता है कि समाज में सब कुछ अच्छा हो और हमारी सीमाएं सुरक्षित रहें, लेकिन सीमा की सुरक्षा में सर्वोच्च् बलिदान देने वाला पड़ोसी के घर से हो। फिर भी इस देश की माटी में ऐसा खून है कि हमारी नई पीढ़ी सेना में भर्ती होना चाहती हैं। युवा पीढ़ी में वो जज्बा है जो देश हित को सर्वोपरि मानती है।

    देशहित में करें काम

    शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश सेवा के लिए हम सबको बार्डर पर जाने की जरूरत नहीं है । हम में से हर व्यक्ति को बार्डर पर जाकर दुश्मन का सामना नहीं करना है बल्कि देश हित में ऐसे काम करने है जिनसे आने वाली पीढ़ियां हमे सदियों तक याद रख सकें। मैं तो यहां तक मानता हूं कि अपने आसपास को साफ रखना और ये निर्णय करना कि मैं कोई गलत काम नहीं करूंगा, देश के ट्रैफिक सिग्नल्स की पालना करना, सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना भी एक प्रकार की देशभक्ति ही है। ये भी देश के लिए बहुत बड़ा काम है जिसको हम सबको करना चाहिए।