Delhi Riots case: दिल्ली दंगों के आरोपित उमर खालिद को मिली अंतरिम जमानत, बहन के निकाह में होंगे शामिल
दिल्ली दंगे के आरोपित और JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद को कोर्ट ने राहत दी है। बहन के निकाह के लिए कोर्ट ने उन्हें एक सप्ताह की अंतिरम जमानत दी ही। फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर उन पर केस चल रहा है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे की साजिश के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को बहन के निकाह के लिए एक सप्ताह की अंतिरम जमानत मिल गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कड़कड़डूमा कोर्ट ने उसे 23 से 30 दिसंबर तक के लिए जमानत दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट ने उमर को 23 से 30 दिसंबर तक के लिए राहत दी है। साथ ही निर्देश दिया कि अवधि पूर्ण होने पर वह सरेंडर कर दे।
दो साल से तिहाड़ में बंद है उमर खालिद
दंगे की साजिश के आरोप में उमर खालिद दो साल से ज्यादा समय से तिहाड़ जेल में बंद है। उसने दो सप्ताह की अंतरिम जमानत के लिए दायर अर्जी में बताया कि 28 दिसंबर को उसकी छोटी बहन का विवाह कालिंदी कुंज स्थित बैंक्वेट हाल में होना है। उससे पहले 26 दिसंबर को हल्दी और 27 दिसंबर को मेहंदी समारोह होगा। इसके लिए उसने 20 दिसंबर 2022 से तीन जनवरी 2023 तक के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी।
उमर का परिवार इस समय दिल्ली में ही जौहरी फार्म में रह रहा है। अर्जी में उसने आग्रह किया था कि इकलौता भाई होने के कारण विवाह की रस्मों में शामिल होने के अलावा व्यवस्थाएं बनाने में उसकी जरूरत है। कोर्ट को आश्वासन दिया था कि राहत मिलने पर वह मीडिया से बात नहीं करेगा और न ही लोगों से मिलेगा।
दिल्ली पुलिस ने किया था विरोध
उसकी अर्जी में दी गई दलीलों का दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा कि बाहर निकलने पर उमर इंटरनेट मीडिया के उपयोग से गलत सूचना फैला सकता है, जिसे रोकना संभव नहीं होगा। उसके द्वारा समाज में अशांति पैदा और गवाहों को प्रभावित करने की भी आशंका है। यह भी कोर्ट को बताया था कि उमर के पिता एक राजनीतिक दल का नेतृत्व करते हैं और मां बुटिक चलाती हैं। दोनों ही विवाह की व्यवस्था करने में सक्षम हैं। इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था, जो सोमवार को सुनाया गया।
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फरवरी 2020 में हुई थी हिंसा
मालूम हो कि दिल्ली दंगों को लेकर कई मामले है जिसमें उमर खालिद आरोपित बने है। दरअसल, फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में हिंसा भड़क गई थी। यह हिंसा CAA-NRC के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के दौरान हुई थी। इस हिंसा ने सांप्रदायिक दंगों का रूप लिया था। इस हिंसा में कुल 53 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 700 से ज्यादा लोग इस मामले में घायल हो गए थे।
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