मैनेजर और कैशियर ने मिलकर किया बड़ा खेल, दिल्ली के फेमस रेस्टोरेंट से जुड़ा है मामला
दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में मैनेजर और कैशियर पर UPI और कार्ड मशीनों को निष्क्रिय करके लाखों की धोखाधड़ी का आरोप है। रेस्टोरेंट मालिक की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि आरोपियों ने ग्राहकों को गुमराह करके व्यक्तिगत QR कोड से भुगतान लिया और पैसे अपने खातों में ट्रांसफर किए।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दक्षिण दिल्ली के एक नामी रेस्तरां के मैनेजर व कैशियर के खिलाफ कंपनी की यूपीआई और कार्ड मशीनों को निष्क्रिय कर लाखों की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है।
रेस्तरां की आंतरिक ऑडिट रिपोर्ट में धोखाधड़ी की जानकारी मिलने के बाद रेस्तरां मालिक ने मैनेजर अमिल खान और कैशियर विवेक कुमार के खिलाफ सफदरजंग थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
डीसीपी दक्षिण-पश्चिम जिला अमित गोयल का कहना है कि इस मामले में आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। आरोपित दो वर्षों से उक्त रेस्तरां में कार्यरत थे।
आरोप है कि दोनों ने योजनाबद्ध तरीके से कंपनी की यूपीआइ और कार्ड मशीनों को निष्क्रिय कर ग्राहकों को व्यक्तिगत क्यूआर कोड देकर या नकद भुगतान के लिए मजबूर किया और पैसे निकालने के लिए बिलिंग रिकार्ड में हेराफेरी की।
उन्होंने यूपीआइ भुगतानों को न केवल अपने खातों में, बल्कि परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों जिनमें भाई, बहन, चचेरे भाई और दोस्त शामिल हैं उनके खातों में भी स्थानांतरित किया। ग्राहकों को तकनीकी खराबी का दावा करके गुमराह किया गया। ऐसे भुगतानों में बाद में केवल एक छोटा हिस्सा ही कंपनी के खाते में जमा किया जाता था ताकि धोखाधड़ी को छुपाते हुए, वैधता का आभास दिया जा सके।
वहीं, कुछ मामलों में ग्राहकों से उनके परिवार के सदस्यों और उनके खातों में पूरे यूपीआइ भुगतान ले लिया गया, और कंपनी को कुछ भी वापस नहीं भेजा गया। बिलों में हेराफेरी की गई या उन्हें बनाया ही नहीं गया। टेकअवे लेनदेन में हेराफेरी करके कम मूल्य की वस्तुएं दिखाई गईं जबकि ज्यादा रकम जेब में डाल ली गई। नकद जमा कम करके दिखाए गए आंशिक राशि कंपनी में जमा की गई और बाकी को दूसरी जगह भेज दिया गया।
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बताया गया कि दोनों ने कुछ अन्य को भी नौकरी छूटने, डराने-धमकाने और यहां तक कि शारीरिक या मानसिक नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर इस गतिविधि में शामिल होने के लिए दबाव डाला। दोनों ने शुरुआत में लेखा टीम के साथ झूठे व जाली बिलों को निपटाने और घटनाओं को स्पष्ट करने के लिए मुख्यालय आने की पेशकश की। ऑडिट में ग्राहकों, कंपनी के खातों और बिलिंग प्रणालियों में हेरफेर करने के बारे में जानकारी सामने आई।
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