घर छोड़कर होटलों में रहने को मजबूर... भारी बारिश से हुए जलभराव से बेहाल सिविल लाइंस के लोग
दिल्ली के सिविल लाइंस में भारी बारिश और यमुना के जलस्तर में वृद्धि से जलभराव हो गया है। सड़कों और घरों में पानी भरने से लोग परेशान हैं और बिजली आपूर्ति भी बाधित है। बेला रोड पर ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं जिससे बिजली गुल है। लोगों को होटलों में शरण लेनी पड़ रही है और जल निकासी की उचित व्यवस्था की मांग की जा रही है।

मोहम्मद साकिब, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के सिविल लाइंस इन दिनों जलभराव की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। भारी वर्षा और यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद इलाके की सड़कों और कोठियों में पानी भर गया है।
हालत यह है कि लोगों को अपना घर छोड़कर आसपास के होटलों और गेस्ट हाउस में शरण लेनी पड़ रही है। बेला रोड स्थित आलीशान कोठियों में पिछले तीन दिन से बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप है।
यहां के ट्रांसफार्मर जलभराव की वजह से फुंक गए हैं। बिजली कटने और पानी भरे रहने से स्थानीय लोगों को जीवन-यापन में भारी परेशानी हो रही है।
जलभराव का खामियाजा केवल घरों तक ही सीमित नहीं है। पार्किंग में खड़ी कई गाड़ियां भी पानी में डूब गई हैं। पिछले दो दिन में ही एक मर्सिडीज कार, एक इनोवा और एक बुलेट मोटरसाइकिल पानी में डूबने से खराब हो चुकी हैं। इससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
इसके अलावा मुख्य सड़क पर बनी करीब बीस दुकानों में पानी भर गया है, जिससे दुकानदारों को नुकसान तो हुआ ही साथ ही कई दिनों के लिए दुकानों पर ताला तक लटकाना पड़ गया है। दुकानदारों के मुताबिक, यह उनके लिए कोई नई बात नहीं है।
बिजली न आने से परेशान होकर जनरेटर लगाना पड़ा। फोटो: चंद्र प्रकाश मिश्र
उन्होंने बताया कि हर साल वर्षा के मौसम में यही हालात बनते हैं। वर्षा का पानी काॅलोनियों और घरों में घुस जाता है और प्रशासन की ओर से समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते, जिससे निचले इलाकों में रहने वाले परिवारों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।
वर्ष 2023 में जब दिल्ली में बाढ़ आई थी तब भी ऐसी स्थिति हो गई थी बावजूद इसके न तो राज्य सरकार ने कोई कदम उठाया और न ही दिल्ली नगर निगम ने।
जबकि यहां के लोग नियमित रूप से संपत्तिकर से लेकर बिजली पानी के बिल जमा कराते हैं। यहां पर संपत्तियों की बिक्री और खरीद होने से सरकार को बड़ा राजस्व आता है।
क्यों जमा होता है पानी
स्थानीय लोगों के मुताबिक, जब यमुना का पानी उफान पर होता है तो रिंग रोड से होता हुआ बेला रोड तक ठहर जाता है, जिससे यहां के सीवर ओवर फ्लो हो जाते हैं और निकासी व्यवस्था ठीक न होने से सीवर बेक मारते हैं। दो वर्ष पहले तो यहां छह से सात फीट तक पानी भर गया था।
और इस वर्ष भी यहां चार से पांच फीट पानी भरा हुआ है। निवासियों ने मांग की है कि नगर निगम और दिल्ली सरकार मिलकर स्थायी समाधान निकालें। यदि जल निकासी की बेहतर व्यवस्था नहीं की गई, तो हर साल लोगों को अपने घर छोड़कर होटलों और गेस्ट हाउस में रहना पड़ेगा।
निजी तौर पर लगाए है जेनरेटर
बेला रोड पर जलजमाव होने और घरो में पानी घुसने की वजह से लोगों को जहां जिला प्रशासन नाव की मदद से बाहर निकाल रहा है। पानी जमा होने से एहतियातन बिजली काट दी गई है। पूरे इलाके में तीन दिन से बिजली नहीं है। ऐसे में लोगों ने अपने खर्चे पर जेनरेटर लगा लिए हैं।
जिनसे जरूरी कार्य किए जा रहे हैं। चूंकि जो घर जलभराव से प्रभावित हैं उनकी लाइन बेला रोड के पीछे रहने वाले लोगों की लाइन एक ही है इसलिए पूरे इलाके की बिजली कटी हुई है। लोगों ने किराये पर यह जेनरेटर लिए हैं। जहां वह अपने जरूरी कार्य कर रहे हैं।
पिछले 30 वर्षों से इलाके में रह रही हूं। यह समस्या कोई नई नहीं है। हर साल हमें वर्षा के दौरान अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां या फिर होटलों में रुकना पड़ता है। शिकायत के बावजूद यहां कोई समाधान नहीं होता।
- राज बाला, स्थानीय निवासी
मैं पिछले 20 वर्षों से बेला रोड पर रह रहा हूं। पिछले तीन दिनों से यहां लाइट कटी हुई है। ट्रंसफार्मर फुंक गए हैं और अब भी चार फीट तक पानी खड़ा है। मैंने खुद तमाम जिम्मेदार अधिकारियों को लिखित व मौखिक रूप से शिकायत दी है। लेकिन केवल आश्वासन ही मिलता है।
- रमेश, स्थानीय निवासी
पिछले 25 वर्षों से काॅलोनी का निवासी हूं। यहां की सबसे बड़ी समस्या यह है कि हमें लाइट कट की कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं की जाती। अपनी गाड़ियों को इलाके से दूर खड़ा करना पड़ता है। अब भी परिवार के साथ होटल में रुका हूं।
- दिव्यम गुप्ता, स्थानीय निवासी
मैं पिछले 20 वर्षों से चालक के रूप में नौकरी कर रहा हूं। बृहस्पतिवार को अपने मालिक के बच्चों को कोचिंग के बाद लौट रहा था। अचानक मर्सिडीज कार पांच फीट पानी में बंद हो गई। रात को क्रेन के जरिये गाड़ी को खींचा और आज शेरूम में दिखाया तो कंपनी ने पांच लाख रुपये का खर्चा बताया है।
- सुभाष शर्मा
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