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    Delhi Pollution Update: साफ हवा को तरसे दिल्लीवाले, खतरनाक श्रेणी में AQI; इन इलाकों में प्रदूषण से राहत

    By Jagran NewsEdited By: Narender Sanwariya
    Updated: Tue, 05 Dec 2023 06:38 AM (IST)

    Delhi Pollution Update केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक मंगलवार सुबह तक दिल्ली का एक्यूआई 380 दर्ज किया गया। इसे गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। खराब वायु गुणवत्ता वाली अवधि में दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली के धुएं की औसत हिस्सेदारी सिर्फ 14 प्रतिशत थी। दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई लेवल अभी भई 300 पार है। इनमें

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    Delhi Pollution Update: कई स्थानों पर पर 300 से ऊपर है AQI

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली में प्रूदषण से फिलहाल कोई राहत नहीं है। दिल्ली कई महीनों से प्रदूषण के लिए तरस रही है मगर फिलहाल राजधानी को जहरीली हवा से कोई राहत नहीं है। अभी भी दिल्ली का एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है। महीनों से गैस चैंबर बनी दिल्ली के लिए हो रहे प्रयास अब विफल से होते नजर आ रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, मंगलवार सुबह तक दिल्ली का एक्यूआई 380 दर्ज किया गया। इसे गंभीर श्रेणी में रखा जाता है।

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    सीपीसीबी के अनुसार, इस साल 22 अक्टूबर से 29 नवंबर तक सर्वाधिक खराब वायु गुणवत्ता वाली अवधि में दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली के धुएं की औसत हिस्सेदारी सिर्फ 14 प्रतिशत थी। आइआइटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के हवाले से सीपीसीबी ने बताया है कि इसी अवधि के दौरान 2022 में पराली के धुएं की औसत हिस्सेदारी 11 प्रतिशत और 2021 में 15 प्रतिशत थी।

    इन जगहों पर 300 से ऊपर AQI

    दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई लेवल अभी भई 300 पार है। इनमें विवेक विहार का प्रदूषण सबसे ज्यादा दर्ज किया गया है।

    • विवेक विहार- 369
    • मेजर ध्यानचंद-319
    • बुराड़ी-319
    • द्वारका-344
    • जहांगीरपुरी-332
    • अशोक नगर-319

    इन जगहों की हवा मध्यम श्रेणी में 

    • बुराड़ी क्रॉसिंग- 270
    • आया नगर- 257
    • दिलशाद गार्डन-270
    • लोधी रोड- 270
    • जवाहरलाल नेहरू-270

    प्रदूषण का कौन जिम्मेदार?

    सीपीसीबी की पूर्व अपर निदेशक डा. एसके त्यागी बताते हैं कि दिल्ली को अपना प्रदूषण कम करने के लिए आरोप-प्रत्यारोप नहीं, बल्कि स्थानीय कारकों की रोकथाम पर अधिक गंभीरता से काम करना चाहिए। अभी भी दिल्ली में वाहनों का धुआं और धूल प्रदूषण चुनौती बना है। और भी अनेक कारक हैं, जिन पर सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है। गौरतलब है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए मुख्यतौर पर पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। 

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