Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए अभी से करने होंगे उपाय, आप भी करें सहयोग
Delhi Pollution दिवाली से पहले दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता शनिवार 22 अक्टूबर तक बहुत खराब श्रेणी में बदलने की संभावना है। इसके कारण वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पांस के चरण दो को लागू करने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ग्रेप के तहत आम नागरिकों को दिए गए निर्देश अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह सही है कि ग्रेप को सख्ती से लागू कराने में प्रदूषण नियंत्रण से जुड़ी एजेंसियों समेत अन्य सरकारी एजेंसियों को पूरी इच्छाशक्ति से काम करना होगा, लेकिन इसके और अच्छे परिणाम तभी निकल सकेंगे, जब आम नागरिक इसे लागू कराने में सरकारी एजेंसियों का सहयोग करें और अपने स्तर पर भी प्रदूषण नियंत्रण की जिम्मेदारी संभालें।
धूल पैदा करने वाली गतिविधियों को करें बंद
निजी वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करने के साथ ही सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक प्रयोग करने, वाहनों के एयर फिल्टर को नियमित रूप से बदलने और धूल पैदा करने वाली गतिविधियों को बंद करने जैसे उपाय कर आम नागरिक भी अपने शहर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में अमूल्य योगदान दे सकते हैं। अपने शहर को रहने योग्य बनाए रखने का दायित्व सिर्फ सरकार और सरकारी एजेंसियों का नहीं है, ये इस शहर में रहने वालों का भी है।
लिहाजा, इस दिशा में नागरिकों को पहल करनी होगी। उन्हें जागरूक करने का काम रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) और सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को करना चाहिए, ताकि वे जागरूक नागरिक बन राजधानी के वातावरण को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान दे सकें।
GRAP क्या है?
ग्रेप, राजधानी दिल्ली में वायु की गुणवत्ता खराब होने की स्थिति में लागू किया जाने वाला प्लान है। इसे चार स्टेज में लागू किया जाता है।
ऐसे मापी जाती है दिल्ली की वायु गुणवत्ता
0-50 के बीच ‘अच्छा’
51-100 के बीच ‘संतोषजनक’
101-200 के बीच ‘मध्यम’
201-300 के बीच ‘खराब’
301-400 के बीच ‘बहुत खराब’
410-450 के बीच ‘गंभीर’
451-500 के बीच ‘गंभीर+’ माना जाता है।
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