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    दिल्ली में प्रदूषण से जंग हुई तेज, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद हरकत में रेखा गुप्ता सरकार

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 04:09 PM (IST)

    दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई अब और तेज होगी। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने खाली पदों को भरने की प्रक्रिया तेज कर दी है। जून 2024 तक डीपीसीसी ने 83 खाली पदों को भर दिया है जिससे खाली पदों की संख्या 30% तक कम हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2024 तक सभी पदों को भरने का आदेश दिया है।

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    डीपीसीसी में स्टाफ की कमी होगी दूर, प्रदूषण से जंग होगी तेज।

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण से जंग अब तेज होने वाली है। वजह, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने अपने खाली पडे़ पदों को भरने की कोशिश और प्रक्रिया तेज कर दी है। खाली पदों में से 83 भरे भी जा चुके हैं।

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    डीपीसीसी के अनुसार जून 2024 में डीपीसीसी के 344 पदों में से 204 खाली पडे़ थे। इस साल जून खत्म होने तक इन खाली पदों की संख्या कम होकर लगभग 30 प्रतिशत रह गई है। डीपीसीसी अनुबंध पर कंसलटेंट की नियुक्ति कर रही है। साथ ही सिविल इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, इलेक्ट्रानिक एंड टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियर आदि की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है।

    सुप्रीम कोर्ट ने डीपीसीसी को लगाई थी फटकार

    2023 से ही एनजीटी इस मामले को देख रहा है। उस समय डीपीसीसी में दो तिहाई पद खाली थे। गत मई में भी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में डीपीसीसी को फटकार लगाई थी। तब डीपीसीसी ने एक शपथ पत्र देकर बताया था कि जुलाई 2024 से अब तक खाली पड़े 83 पदों को भरा जा चुका है। ऐसे में बीते एक साल के दौरान खाली पद 60 प्रतिशत से घटकर 34 प्रतिशत पर आ चुके हैं।

    इस समय डीपीसीसी में 223 पद भरे हुए हैं। इस माह भी 10 से अधिक लोगों को नियुक्ति पत्र दिए जाने की उम्मीद है। साथ ही मई 22 से 24 तक 26 खाली पदों के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया हो चुकी है। ऐसे में जल्द ही यह रिक्तता कम होकर 25 प्रतिशत तक रह जाएगी।

    खाली पद इस साल सितंबर तक भरने के आदेश

    मई में सुप्रीम कोर्ट ने खाली पद इस साल सितंबर तक भरने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि जब दिल्ली प्रदूषण से बुरी तरह जूझ रही हो तो पदों को खाली रखने की बात बर्दाश्त नहीं की जा सकती। इसलिए सभी खाली 204 पदों को सितंबर 2025 तक भरने के आदेश दिए गए थे।

    डीपीसीसी 31 ध्वनि प्रदूषण मॉनिटर को करती है मैनेज 

    मालूम हो कि दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए डीपीसीसी नियामक प्राधिकरण का काम करती हैं। यह प्रदूषण और पर्यावरण नियंत्रण से जुडे़ नियमों को लागू करती हैं। यहां के 40 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 24 डीपीसीसी के हैं। डीपीसीसी 31 ध्वनि प्रदूषण मानिटर मैनेज करती है। एसटीपी, यमुना आदि के पानी की क्वालिटी की जांच करती है। साथ ही डीपीसीसी औद्योगिक प्रदूषण को भी जांचती हैं और ग्रेप के नियमों की नोडल एजेंसी है।

    इसके अलावा स्टाफ की कमी पूरी होने से अब जनता की प्रदूषण संबंधी शिकायतों पर सुनवाई हो सकेगी। सरकार के नियमों को पूर्ण सख्ती से लागू किया जा सकेगा। साथ ही शोध व निरीक्षण कार्य को भी रफ्तार मिलेगी।

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