लिव-इन में रहने वाली महिला को वापस बुलाने के लिए उसके बच्चे का किया था अगवा, पुलिस ने चार आरोपी को किया गिरफ्तार
पश्चिमी दिल्ली पुलिस ने सात वर्षीय बच्चे के अपहरण मामले को सुलझाते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमें से एक से पिस्तौल बरामद हुई है। बच्चे की मां ने अपने पूर्व लिव-इन पार्टनर अजय वर्मा पर संदेह जताया था। सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी निगरानी से सुराग मिले जिससे हरियाणा के एक फार्महाउस से बच्चे को सकुशल बचाया गया और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। सात साल के बच्चे के अपहरण की गुत्थी को सुलझाते हुए विकासपुरी थाना पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपिताें में से एक के कब्जे से पिस्टल बरामद हुआ है। घटना की छानबीन जारी है।
पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त शरद भास्कर दराडे ने बताया कि एक महिला ने विकासपुरी थाने में शिकायत में बताया कि उसका सात वर्षीय बेटा, जो 27 सितंबर को स्कूल गया था, घर नहीं लौटा। महिला ने अपने पूर्व लिव-इन पार्टनर अजय वर्मा पर संदेह जताया।
पुलिस ने तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजवीर सिंह के नेतृत्व में इंस्पेक्टर दीपक दहिया, एसआइ संदीप व अन्य की टीम बनाई। एसीपी तिलक नगर डा. गरिमा तिवारी की निगरानी में टीम ने स्कूल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें अजय वर्मा और एक साथी बच्चे को मोटरसाइकिल पर ले जाते दिखे। आरोपित का फोन बंद होने के बावजूद, पुलिस ने उन्नत तकनीकी निगरानी और इंस्टाग्राम ट्रैकिंग से सुराग हासिल किए।
पुलिस को पता चला कि अजय वर्मा ने अपने दिल्ली के साथी अजय से इंस्टाग्राम पर संपर्क कर पिस्टल की व्यवस्था की थी। दिल्ली में इस सह-अभियुक्त को पकड़कर पिस्टल बरामद की गई। साथ ही, हांसी (हरियाणा) के एक फार्महाउस में छिपे अजय वर्मा और उसके दो साथियों अमित और सचिन को गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल बचा लिया गया।
अपहरण का मकसद
जांच में पता चला कि अजय वर्मा का शिकायतकर्ता के साथ लिव-इन रिलेशनशिप था। वह शकी और हिंसक स्वभाव का था। इस कारण महिला उसे छोड़कर दिल्ली आ गई। महिला के दिल्ली लौटने पर उसने बच्चे का अपहरण कर उसे वापस हांसी लाने का दबाव बनाया। पुलिस का कहना है कि आरोपित अजय वर्मा और अमित का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है, जबकि सचिन का एक आर्म्स एक्ट का मामला है। सह-अभियुक्त अजय ने मोटरसाइकिल चलाकर अपहरण में मदद की।
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