UPSC अभ्यर्थी दूर कर सकेंगे अपना तनाव, दिल्ली पुलिस ने अपनाया ये नया तरीका
दिल्ली पुलिस ने यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए ओल्ड राजेंद्र नगर में एक विशेष पुलिस सहायता बूथ बनाया है। बूथ पर छात्रों की शिकायतों पर तुरंत सुनवाई हो रही है और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से उबरने में भी मदद मिल रही है। अभ्यर्थियों की शिकायतों पर तुरंत सुनवाई हो रही है और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से उबरने में भी मदद मिल रही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पिछले साल ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव कोचिंग सेंटर हादसे में यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की दर्दनाक मौत हो गई थी। जांच में पता चला कि अभ्यर्थियों ने पहले भी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में जलभराव की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई हो पाती, उससे पहले ही यह हादसा हो गया।
राजेंद्र नगर में विशेष पुलिस सहायता बूथ
उस समय प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने पुलिस से मांग की थी कि उनकी शिकायतों के समाधान के लिए अलग से पुलिस बूथ बनाया जाए। पुलिस अधिकारियों ने इस मांग को स्वीकार कर लिया और ओल्ड राजेंद्र नगर में विशेष पुलिस सहायता बूथ बनाया गया।
इस बूथ पर अभ्यर्थियों की शिकायतों पर तुरंत सुनवाई हो रही है और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से उबरने में भी मदद मिल रही है।
पीजी में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों के आत्महत्या की खबरें अक्सर आती रहती हैं। इसके पीछे अकेलापन, तनाव और परीक्षा में असफलता जैसी समस्याएं मुख्य कारण हैं।
रोजाना रखा जा रहा यूपीएससी अभ्यर्थियों का ख्याल
पुलिस की पहल पर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ. इमरान नूरानी और उनके द्वारा संचालित माइंड मीडो सेंटर के विशेषज्ञ रोजाना यूपीएससी अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कर रहे हैं।
बूथ पर रोजाना शाम पांच बजे से छह बजे तक एक मनोवैज्ञानिक उपलब्ध रहता है, जो अभ्यर्थियों को करियर और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है।
वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ. इमरान नूरानी के अनुसार, उम्मीदवारों की सबसे बड़ी समस्याओं में अकेलापन और करियर की चिंता शामिल है। इन समस्याओं के समाधान के लिए छात्र मनोवैज्ञानिकों से पारिवारिक, मानसिक और शैक्षणिक तनाव पर चर्चा कर रहे हैं और उचित सलाह ले रहे हैं।
छात्रों की मांग पर बना पुलिस सहायता बूथ
छात्रों की मांग पर जिला डीसीपी एम. हर्षवर्धन ने 20 मार्च को इस बूथ का उद्घाटन किया। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे इस पुलिस बूथ के बारे में अधिक से अधिक लोगों को बताएं, ताकि अधिक से अधिक अभ्यर्थी इस सेवा का लाभ उठा सकें।
इस पहल का असर भी दिख रहा है, क्योंकि बूथ के शुभारंभ के बाद कई छात्र यहां आकर अपनी छोटी-मोटी समस्याओं का समाधान करवा चुके हैं।
24x7 उपलब्ध रहेंगे पुलिसकर्मी
बूथ पर अभ्यर्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए एक सब इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल और एक महिला पुलिस अधिकारी को 24 घंटे तैनात किया गया है। छात्र सीधे बूथ पर जाकर उनसे मिल सकते हैं।
इससे मकान मालिकों, कोचिंग सेंटर संचालकों, लाइब्रेरी संचालकों और अन्य स्थानीय लोगों के साथ विवादों का तुरंत समाधान करने में मदद मिलेगी। पहले छात्र छोटे-मोटे विवादों के लिए पीसीआर को फोन करते थे, जिससे कार्रवाई में देरी होती थी। इस प्रक्रिया में उनकी पढ़ाई भी बाधित होती थी।
वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं मामलों की निगरानी
इस पुलिस सहायता बूथ की खासियत यह है कि यहां तैनात पुलिसकर्मी दिनभर आने वाले मामलों की रिपोर्ट स्थानीय थाने की बजाय सीधे मध्य जिला डीसीपी कार्यालय को भेज रहे हैं। इससे जिले के वरिष्ठ अधिकारी इन मामलों पर नजर रख रहे हैं और जरूरत पड़ने पर उचित निर्देश भी दे रहे हैं।
अभ्यर्थियों की कहानी
मैं मूल रूप से बिहार के दरभंगा का रहने वाला हूं। बचपन से ही मेरा सपना था कि मैं अफसर बनकर देश की सेवा करूं। लेकिन घरवाले मुझ पर छोटी-मोटी नौकरी करने का दबाव बना रहे थे। मैं सब कुछ छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली आ गया, जिससे मेरे माता-पिता नाराज हो गए और पिछले 12 महीनों से मैंने उनसे बात नहीं की है। इस वजह से मैं बहुत उदास हूं।
- अनुज कुमार सिंह, अभ्यर्थी
मैं रोहतक, हरियाणा से हूं। मेरे परिवार में सभी लोग पुलिस अधिकारी हैं, इसलिए मुझ पर भी उनकी तरह अधिकारी बनने का दबाव है। मैं यूपीएससी की तैयारी में कड़ी मेहनत कर रहा हूं, लेकिन इसके तनाव के कारण मैं उदास हो गया हूं। ये काउंसलिंग सेशन बहुत जरूरी थे।
- आदित्य, अभ्यर्थी
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