नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस ने एक याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि पुलिस ने एक भारतीय व्यक्ति और उसके तीन साल के यूक्रेनी बेटे का पता लगा लिया है। बच्चे की मां ने दावा किया था कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान बच्चे को अवैध रूप से भारत लाया गया था। सुनवाई के दौरान मौजूद रहे व्यक्ति से जब न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व अमित शर्मा की पीठ ने पुलिस से पूछा कि बच्चा कहा हैं। पुलिस ने बताया कि बच्चे की तबीयत खराब होने के कारण उसे पेश नहीं किया गया। अदालत में मौजूद व्यक्ति ने अदालत के समक्ष कहा कि वह बच्चे को 16 नवंबर को पेश करेगा। इस पर पीठ ने सुनवाई 16 नवंबर के लिए स्थगित कर दी, क्योंकि याचिकाकर्ता महिला के अधिवक्ता मौजूद नहीं थे।

महिला की याचिका पर अदालत ने जारी किया आदेश
वहीं, सुनवाई के दौरान गृह और विदेश मंत्रालयों की तरफ से पेश हुए केंद्र के स्थायी वकील अजय दिगपॉल ने अदालत को बताया कि व्यक्ति और उसके बेटे ने 28 मार्च को भारत में प्रवेश किया था। वहीं, महिला ने इससे पहले अदालत को बताया था कि उसका और उसके पूर्व पति का तलाक हो चुका है। हालांकि, पूर्वी यूरोपीय देश की एक अदालत ने नाबालिग की कस्टडी उसे दे दी थी, लेकिन वह व्यक्ति लड़के को बिना बताए अपने साथ ले गया।महिला की याचिका पर अदालत ने पुलिस से व्यक्ति और बच्चे काे तलाश कर पेश करने को कहा था।
सीबीआई और दिल्ली पुलिस से की मामला दर्ज करने की मांग
महिला ने अधिवक्ता श्रवण कुमार के माध्यम से याचिका दायर करके कहा था कि बच्चे को घुमाने ले गए उसके पूर्व पति ने उसके बेटे का 23 मार्च को अपहरण कर लिया था। बच्चे को पेश करने की मांग के अलावा महिला ने सीबीआइ या दिल्ली पुलिस अपहरण, वैध दस्तावेजों के बिना नाबालिग की अवैध यात्रा, एक मनगढ़ंत भारतीय बनाने का मामला दर्ज करने का निर्देश देने की भी मांग की है।
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