Ghaziabad: पति के मर्डर में पत्नी और प्रेमी गिरफ्तार, 4 साल पहले महिला के आशिक ने घर मे ही दफना दिया था शव
पप्पू की हत्या चार साल पहले ही पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर कर दी थी। हत्या के बाद पड़ोस में रहने वाले प्रेमी ने अपने घर मे गड्ढा खोदकर शव को दफन कर दिया था। मामले में पुलिस ने 2021 में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। नंदग्राम थाना क्षेत्र के सिकरोड़ गांव से वर्ष 2018 में लापता हुए व्यक्ति चंद्रवीर उर्फ पप्पू के मामले की गुत्थी को क्राइम ब्रांच की टीम ने चार बाद सुलझाया है। चार साल पूर्व ही चंद्रवीर की पत्नी ने अपने प्रेमी व चंद्रवीर के चचेरे भाई के साथ मिलकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद पत्नी ने प्रेमी की मदद से प्रेमी के घर में पूर्व में किए गए सात फीट के गड्ढे में शव को दफना दिया था। किसी को शक न हो, इसके लिए मिट्टी पर पहले खड़ंजा और बाद में फर्श करा दिया था। पुलिस ने चार साल बाद मामले का पर्दाफाश कर आरोपित पत्नी व उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर मकान में दफनाए शव के अवशेष, हत्या में प्रयुक्त तमंचा व कुल्हाड़ी बरामद की है। पुलिस शव का डीएनए टेस्ट करा रही है।
2021 में पुलिस ने लगाई थी क्लोजर रिपोर्ट
एसपी क्राइम डाॅ. दीक्षा शर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपित मृतक चंद्रवीर की पत्नी सविता व सविता का प्रेमी एवं चंद्रवीर का चचेरा भाई अरुण उर्फ अनिल हैं। उन्होंने बताया कि पांच अक्टूबर 2018 को चंद्रवीर के भाई भूरे सिंह ने सिहानी गेट थाने में भाई के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने उनका कहना था कि उनके भाई 28 सितंबर 2018 की शाम से लापता हैं। पुलिस मामले की जांच में जुटी थी, पर चंद्रवीर का सुराग नहीं लग सका था। इससे पुलिस ने जांच के बाद वर्ष 2021 में मामले में अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी।
ऐसे हुआ खुलासा
हाल में ही एसएसपी ने पुराने ऐसे गुमशुदगी के मामले जिनमें लापता होने वाला व्यक्ति बरामद नहीं हुआ है, के मामले चिह्नित कर विवेचना कराई तो इस मामले का पर्दाफाश हुआ और पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
संबंधों में रोड़ा बनने पर उतारा था मौत के घाट
एसपी क्राइम डा. दीक्षा शर्मा ने बताया कि सविता व अरुण के बीच वर्ष 2017 से संबंध हो गए थे। चंद्रवीर ने एक बार दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। इससे उसने सविता की पिटाई कर दी थी। इसके बाद से दोनों ने चंद्रवीर को रास्ते से हटाने की साजिश रची। चंद्रवीर व अरुण के मकान पास-पास में हैं। इससे अरुण ने कई दिन पहले अपने मकान में सात फीट का एक बड़ा गड्ढा खोद दिया। वह लगातार चंद्रवीर की हत्या का प्रयास करते रहे, पर मौका नहीं मिला।
सिर पर लगाई बाल्टी और मारी गोली
28 सितंबर, 2018 की रात चंद्रवीर अधिक शराब पीकर आया और चारपाई पर सो गया। तभी अरुण वहां पहुंचा और चारपाई के नीचे सिर की तरफ बाल्टी लगाकर चंद्रवीर के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी। उसका खून बाल्टी में एकत्र हो गया तो आरोपित शव को चादर में लपेटकर अरुण के यहां पहुंचे और गड्ढे में शव को रखकर मिट्टी से ढक दिया। दो दिन बाद मिट्टी पर चबूतरा और एक माह बाद सीमेंट का फर्श बनवा दिया गया। तमंचे व कुल्हाड़ी को मकान में ही पड़े रोड़ी के बीच में दबाकर छिपा दिया था।
सबूत मिटाने के लिए काट दिया था हाथ
अरुण के हाथ में नाम लिखा हुआ एक कड़ा था। आरोपितों ने हत्या के बाद इस कड़े को निकालने का प्रयास किया, लेकिन कड़ा हाथ से नहीं निकला। इसके बाद अरुण ने कुल्हाड़ी से हाथ काट दिया। इसके बाद भी कड़ा नहीं निकला। अरुण को संदेह था कि कभी भविष्य में मकान की खोदाई हुई तो कहीं कड़े से चंद्रवीर की पहचान न हो जाए। बाद में अरुण सिकरोड़ के पीछे एक केमिकल फैक्ट्री के पास हाथ को बोरे में बंद कर फेंक आया था।
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