दिल्ली से किशोरी को अपहरण कर नेपाल ले गया था किडनैपर, पुलिस ने लड़की को बचाया, आरोपी फरार
दिल्ली पुलिस ने शाहबाद डेरी से अपहृत 17 वर्षीय किशोरी को नेपाल से बचाया। आरोपी को शरण देने वाले के बेटों की गिरफ्तारी के बाद शरणदाता ने किशोरी को सीमा पर पुलिस को सौंप दिया। मुख्य आरोपी जिसने किशोरी से शादी कर ली थी फरार है। पुलिस ने तमिलनाडु और बिहार में छापेमारी कर आरोपी की तलाश की। सीडीआर और आईएमईआई विश्लेषण से आरोपी की लोकेशन मिली।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। दिल्ली के शाहबाद डेरी से अपहृत 17 वर्षीय किशोरी को नेपाल से वापिस लाने के लिए पुलिस ने पहले आरोपित को शरण देने वाले के बेटों को चेन्नई से हिरासत में लिया। जिसके बाद नेपाल में बैठे शरण देने वाले ने किशोरी को सकुशल नेपाल-बिहार सीमा पर लाकर पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं, मुख्य आरोपित अपहरणकर्ता नेपाल से ही फरार हो गया। इसकी तलाश पुलिस कर रही है।
किशोरी से शादी भी कर ली
आरोपित ने किशोरी को शाहबाद डेरी इलाके से करीब साढ़े चार महीने पहले अपहरण किया था। पुलिस ने अपह्त किशोरी का पता लगाने के लिए दिल्ली से तमिलनाडु, फिर बिहार-नेपाल सीमा समेत कई राज्यों में करीब छह हजार किलोमीटर की दूरी तय की। आरोपित पुलिस से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। जांच के दौरान पता चला कि आरोपित ने किशोरी से शादी भी कर ली थी।
पैतृक गांव भाग गया
बाहरी-उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त हरेश्वर वी स्वामी ने बताया कि 14 मई को किशोरी की मां ने अपनी 17 वर्षीय नाबालिग बेटी के लापता होने के संबंध में थाना शाहबाद डेरी में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस ने अपह्त किशोरी का पता लगाने के लिए आठ जुलाई को तमिलनाडु स्थित तिरुपुर में छापेमारी की, लेकिन किसी तरह आरोपित दिलीप पुलिस की भनक लगते ही किशोरी के साथ अपने पैतृक गांव बिहार के जिला सीतामढ़ी स्थित मुज्जिल्या गांव के लिए निकल गया।
सीडीआर और आईएमईआई ने पकड़वाया
15 जुलाई को मानव तस्करी विरोधी इकाई को यह मामला स्थानांतरित कर दिया गया। टीम ने आरोपित के रिश्तेदार और परिचितों से संबंधित मोबाइल नंबर की सीडीआर और आईएमईआई का विश्लेषण किया गया। इसके बाद आरोपित का लोकेशन सके पैतृक गांव के आसपास इलाके में पाया गया।
सीतामढ़ी से नेपाल भागने में रहा कामयाब
टीम ने 22 जुलाई को आरोपित दिलीप के पैतृक निवास पर छापा मारा, लेकिन आरोपित ने पुलिस की गतिविधि को भांप लिया। जो अपने रिश्तेदारों और स्थानीय सहायता की मदद से पीड़िता के साथ नेपाल भागने में सफल रहा। जहां उन्हें एक करीबी रिश्तेदार केदार पासवान के यहां नेपाल में शरण मिली हुई थी। अधिकार क्षेत्र की सीमाओं के कारण पीड़िता को नेपाल से बरामद करना संभव नहीं था।
बेटों को चेन्नई से पकड़ा
फिर से एक टीम तमिलनाडु स्थित तिरुपुर पहुंची जहां से मुख्य संदिग्ध दिलीप के सगे भाई सज्जन को एक कपड़ा निर्यात फर्म से पकड़ लिया। जिसने पुलिस को बताया कि दिलीप नेपाल में अपने रिश्तेदार केदार पासवान के घर रह रहे हैं। सज्जन ने पुलिस को बताया कि केदार पासवान के दोनों बेटे विकास और विशाल चेन्नई में एक रेस्टोरेंट में काम कर रहे हैं।
टीम ने 20 सितंबर को केदार पासवान के दोनों बेटों को पकड़ कर लिया। अपने बेटों के पकड़े जाने पर केदार पासवान को आरोपित और पीड़िता को आत्मसमर्पण करवाने के लिए मजबूर होना पड़ा। 21 सितंबर को पीड़िता पुलिस के समक्ष के पेश हुई। लेकिन आरोपित केदार पासवान के घर से भागने में सफल रहा।
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