Delhi में अपराधियों की धर पकड़ तेज, अब इस तकनीक से दबोचे जाएंगे भगोड़े घोषित बदमाश
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने भगोड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए नया सर्कुलर जारी किया है। सभी थानों को आईसीजेएस और अन्य तकनीकों का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है। क्राइम ब्रांच ने पहले ही आईसीजेएस के माध्यम से कई अपराधियों का पता लगाया है। थानाध्यक्षों को ई कोर्ट पोर्टल का नियमित उपयोग करने और जानकारी अपडेट रखने के लिए कहा गया है।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली में पैरोल जंपर्स व भगोड़े को पकड़ने के लिए सभी थानों के थानाध्यक्षों व इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन को अंतर-संचालनीय आपराधिक न्याय प्रणाली (आईसीजेएस) और अन्य तकनीक का नियमित रूप से इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है।
पुलिस अयुक्त संजय अरोड़ा ने एक सर्कुलर जारी कर पैरोल जंपर्स और भगोड़े अपराधियों को चिन्हित करने और उन्हें पकड़ने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
सर्कुलर में कहा गया है कि क्राइम ब्रांच ने पिछले छह महीनों में कई वांछित अपराधियों, पैरोल, अंतरिम जमानत, फर्लो जंपर्स और भगोड़े अपराधियों का पता लगाया है। यह जानकारी अंतर-संचालनीय आपराधिक न्याय प्रणाली (आईसीजेएस) और ई प्रिजन पोर्टल्स पर उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से प्राप्त हुई।
वहीं, कई बार ऐसे अपराधी अन्य जेलों में बंद पाए गए जबकि पुलिस रिकॉर्ड में वे फरार या अज्ञात दर्शाए गए थे। इसलिए ऐसे अपराधियों को चिन्हित करने की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए सभी थानों के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए।
थानाध्यक्षों को कहा गया है कि वे ई कोर्ट पोर्टल का नियमित उपयोग करें और वांछित अपराधियों, पैरोल, फर्लो जंपर्स की स्थिति व आदेशों को अपडेट रखें। अपराधियों की तलाश करते समय अधिकारी को ई प्रिजन, सीसीटीएनएस, ई कोर्ट, ई प्रोसिक्यूशन और आइसीजेएस पोर्टल्स से संबंधित विवरण खोजकर थानों के रिकॉर्ड से मिलान करना होगा।
हर एसएचओ व इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन को हर महीने अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले पैरोल जंपर्स, भगोड़े अपराधियों की जानकारी ई प्रिजन और आइसीजेएस पोर्टल्स पर चेक करनी होगी। हर एसएचओ, इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन के अलावा जिले के डीसीपी को मासिक रूप से इसकी पुष्टि करनी होगी।
सर्कुलर में कहा गया है क सभी एसएचओ व इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन हर महीने पैरोल जंपर्स, घोषित अपराधियों की जानकारी क्राइम ब्रांच के साथ साझा करेंगे। यह काम संबंधित जिले के डीसीपी की निगरानी में होगा। जिन जिलों, इकाइयों या थानों ने अब तक ई पिजन और आइसीजेएस पोर्टल्स के लिए यूजर आइडी नहीं बनाई है, वे सीसीटीएनएस क्राइम ब्रांच से संपर्क कर तुरंत आइडी जनरेट करें।
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि सभी अधिकारियों, जांच अधिकारियों और अधीनस्थ स्टाफ को वांछित अपराधियों की जानकारी अपडेट करने और अपलोड करने की नियमित ब्रीफिंग दी जाए। यह कार्य भगोड़े सेल के पोर्टल पर किया जाएगा।
अपराध शाखा सीसीटीएनएस और क्राइम रिकॉर्ड आफिस की मदद से जांच अधिकारियों और अधीनस्थ स्टाफ के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगी ताकि ई प्रिजन और आइसीजेएस पोर्टलों के उपयोग को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि थाना पुलिस अपने-अपने क्षेत्राधिकार के वांछित अपराधियों, पैरोल, अंतरिम जमानत, फर्लो जंपर्स और भगोड़े अपराधियों का पता लगाने में लापरवाही बरतती थी। मौजूद तकनीक का इस्तेमाल नहीं करती थी।
आयुक्त के सर्कुलर के बाद अब पुलिस इस दिशा निर्देश पर काम करेगी। जिससे लंबे समय तक फरार अपराधियों को पुलिस से बच पाना अब मुश्किल हो सकता है।
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