दिल्ली में पेड़ काटने पर NGT ने पुलिस को ठहराया जिम्मेदार, आया सख्त आदेश; ठेकेदार पर भी एक्शन
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मंगोलपुरी थाना परिसर में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने पर दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस को क्षतिपूर्ति के लिए पौधरोपण करने और उनकी देखभाल करने का आदेश दिया गया है। यह मामला एक स्थानीय निवासी की शिकायत पर सामने आया जिसके बाद वन विभाग ने पुष्टि की कि दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन हुआ है और ठेकेदार पर जुर्माना लगाया गया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मंगोलपुरी थाना परिसर में बिना अनुमति पीपल का पेड़ काटे जाने और दो नीम के पेड़ों की अवैध छंटाई पर दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है।
अधिकरण ने आदेश दिया है कि पुलिस इसकी छतिपूर्ति करने के लिए पौधरोपण करे और लगाए गए पौधों की कम से कम पांच वर्ष तक देखरेख सुनिश्चित करे।
यह मामला स्थानीय निवासी की शिकायत पर सामने आया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि थाने के नवीनीकरण कार्य के दौरान एक ठेकेदार द्वारा पेड़ों को नुकसान पहुंचाया गया।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने मार्च 2024 में दिल्ली वन विभाग को स्थल निरीक्षण का निर्देश दिया था। मार्च 2025 में दाखिल हलफनामे में वन विभाग ने पुष्टि की कि दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम (डीपीटीए), 1994 का उल्लंघन हुआ है।
विभाग ने बताया कि बिना अनुमति पेड़ों की अवैध छंटाई और कटाई की गई, जिस पर ठेकेदार पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया और राशि जमा कर दी गई।
दिल्ली पुलिस ने अपने जवाब में कहा था कि मंगोलपुरी का पुराना थाना परिसर खाली पड़ा था और देखरेख की जिम्मेदारी चौकीदार पर थी। परिसर में टूटी टिन शेड की मरम्मत के लिए ठेकेदार को कार्यादेश दिया गया था।
इसी दौरान ठेकेदार के मजदूरों ने बिना अनुमति पेड़ों की छंटाई कर दी। पुलिस ने इस लापरवाही पर चौकीदार को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था।
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