दिल्ली पुलिस की वो हेड कांस्टेबल... जो सोशल मीडिया पर छाईं; जमकर तारीफ कर रहे हैं लोग
Delhi News सड़क पर गिरकर तड़प रहे युवक की हेड कांस्टेबल ने जान बचा ली। दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल सतीश कुमारी ने युवक को सीपीआर देकर उसकी जान बचाई ...और पढ़ें

मोहम्मद साकिब, नई दिल्ली। एक व्यक्ति हादसे में बाइक से गिरकर सड़क पर पड़ा था। आसपास खड़े लोग तमाशा देख रहे थे। इस बीच एक महिला यातायात हवलदार (हेड कांस्टेबल) मसीहा बनकर उसके पास पहुंची और उन्होंने समय रहते घायल व्यक्ति को सीपीआर दिया, जिससे उसकी जान बच गई।
यह मामला दिल्ली का है, जहां लोग सड़कों पर घायल राहगीरों को देखकर किनारा कर लेते हैं। वहीं कुछ लोग मदद करके मिसाल बन जाते हैं। दिल्ली यातायात पुलिस में तैनात हवलदार सतीश कुमारी भी ऐसी ही हैं, जो नेक काम के लिए सुर्खियों में हैं। सीपीआर देने के बाद घायल व्यक्ति को सतीश कुमारी ने अस्पताल भी भिजवाया। घायल व्यक्ति की पहचान राजनगर पार्ट-2 निवासी अमित डोगरा के रूप में हुई है।
यातायात उपायुक्त शशांक जायसवाल के मुताबिक, हवलदार सतीश कुमारी को एएफएस पालम गेट पर वीवीआईपी रूट व्यवस्था पर तैनात किया गया था। रविवार सुबह वह ड्यूटी पर थीं, तभी उन्होंने देखा कि सुबह करीब 7:45 बजे दो मोटरसाइकिलें आपस में टकरा गईं और एक मोटरसाइकिल सवार नीचे गिर गया। वहां पर लोगों की भीड़ जुटने लगी, लेकिन कोई भी घायल की मदद को नहीं आया।
घायल पर पड़ी थी हेड कांस्टेबल की नजर
वहीं, इसी दौरान ड्यूटी पर तैनात सतीश कुमारी बेहोश मोटरसाइकिल सवार के पास पहुंचीं, जिसे उसे काफी चोटें लगी थीं। सतीश ने घायल को सड़क के फुटपाथ पर सीधा लिटाया और उन्हें सीपीआर देना शुरू किया। सीपीआर मिलने के कुछ ही देर में अमित को होश आ गया। हवलदार ने पीसीआर कॉल कर खुद उन्हें नजदीकी अस्पताल में भेजा, जहां उनकी हालत अब खतरे से बाहर है।
सतीश का कहना है कि उनका उद्देश्य घायल की जान बचाना था। अमित और उनके परिवार ने जान बचाने के लिए सतीश कुमारी का आभार जताया है।
डेढ़ लाख से अधिक लड़कियों को दे चुकी हैं प्रशिक्षण
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इससे पहले 2019 में उन्हें द्वारका डिस्ट्रिक्ट में ही बेस्ट पुलिसकर्मी का अवार्ड मिल चुका है। दिल्ली पुलिस की 2006 बैच की सतीश कुमारी मूल रूप से हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली है। देश की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सतीश ने दिल्ली पुलिस की ओर से 2013 से 2018 के बीच विभिन्न स्कूलों में छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे चुकी हैं।
यौन उत्पीड़न की शिकार छात्रा को भी बचाया था
वर्ष 2016 में द्वारका के बिंदापुर में सेल्फ डिफेंस के प्रशिक्षण के दौरान सतीश कुमारी ने यौन उत्पीड़न की शिकार छात्रा को भी बचाया था। छात्रा का उसका मामा ही घर पर यौन उत्पीड़न कर रहा था, जिससे वह प्रशिक्षण के दौरान गुमसुम रहती थी। छात्रा की अपबीती सुनकर सतीश कुमारी ने उसके पिता से बातकर मामा को रंगे हाथ पकड़वाया, जिससे के परिवार ने उनका आभार जताया था।
किसे दिया जाता है सीपीआर
सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) एक प्राथमिक चिकित्सा तकनीक है, जिसका उपयोग किसी भी व्यक्ति पर किया जा सकता है, यदि उसकी सांस नहीं चल रही हो या उसका दिल रुक गया हो। सीपीआर में छाती को दबाना और मुंह से मुंह (बचाव सांस) देना शामिल है। इसका उद्देश्य शरीर में रक्त और ऑक्सीजन का संचार करना है, ताकि विशेष उपचार उपलब्ध होने तक मस्तिष्क और महत्वपूर्ण अंगों को जीवित रखा जा सके।

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