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दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट देख घूमा मजिस्ट्रेट का सिर, कोर्ट ने सभी जांच अधिकारियों को भेजा नोटिस

दिल्ली पुलिस ने 8 साल पुराने मामले में तीस हजारी कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट फाइल की जिसके बाद अदालत ने केस के सभी जांच अधिकारियों को मामले की अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप उपस्थित रहने का निर्देश किया है।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavPublished: Tue, 31 Jan 2023 03:48 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jan 2023 03:48 PM (IST)
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने सभी जांच अधिकारियों को भेजा नोटिस। फोटो सोर्स-फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एएनआई। राष्ट्रीय राजधानी की तीस हजारी कोर्ट ने 8 साल पुराने एक मामले के सभी जांच अधिकारियों को एक व्यक्ति को धमकी भरे कॉल और दुर्व्यवहार से संबंधित मामले में व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। इस मामले में सोमवार को पुलिस ने अनट्रेस रिपोर्ट दर्ज की थी।

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शिकायतकर्ता के वकील द्वारा पेश किए प्रस्तुतीकरण में बताया कि जांच अधिकारी अनिल दुरेजा को यूआरएल, मोबाइल फोन, लैपटॉप और पेन ड्राइव के साथ उन्हें प्राप्त हुए कॉल की डिटेल्स दी थीं, हालांकि इन सभी को रिपोर्ट का हिस्सा नहीं बनाया गया है। अधिवक्ता द्वारा दिए प्रस्तुतीकरण को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने सभी जांच अधिकारी को पेश होने का निर्देश दिया है। 

उपस्थित होंगे सभी जांच अधिकारी

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने सोमवार को पुलिस उपायुक्त के माध्यम से सभी जांच अधिकारियों को 4 फरवरी, 2023 को होने वाले केस की अगली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने के लिए नोटिस जारी किया है।

अदालत ने कहा, दिए गए सबमिशन के मद्देनजर सभी जांच अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया जाता है और सभी को संबंधित डीसीपी के माध्यम से अगली सुनवाई पर उपस्थित रहने के लिए नोटिस दिया जाता है। जानकारी के अनुसार, इस मामले में आठ जांच अधिकारी हैं। जिसमें चार सहायक पुलिस आयुक्त (SP) और दिल्ली पुलिस के चार निरीक्षक शामिल हैं।

यह मामला अक्टूबर साल 2014 में आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया था, जिसमें याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया गया है कि कुछ अज्ञात लोगों उसके मोबाइल नंबर पर सैकड़ों कॉल किए और उन्हें गाली देते हुए जान से मारने की धमकी दी। शिकायतकर्ता ने अपने साथ हुए इस दुर्व्यवहार की शिकायत सराय रोहिल्ला पुलिस स्टेशन में दी थी।

बिना मेमो के दायर की अनट्रेस रिपोर्ट

शिकायतकर्ता के वकील ने अदालत को यह भी बताया कि अनट्रेस रिपोर्ट जब्ती मेमो के बिना दायर की गई थी और अपराध के समय उपयोग किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का विवरण नहीं दिया गया था।

वकील ने आरोप लगाया कि शुरू में केस के जांच अधिकारी ने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया था, जिसके कारण शिकायतकर्ता को सैकड़ों लोगों से यातना का सामना करना पड़ा। जिन्होंने उसे धमकी दी और सोशल मीडिया और शिकायतकर्ता के व्हाट्सएप नंबर के साथ एक अश्लील पोस्ट भी की। 

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