डार्क वेब के जरिए अमेरिकी गांजा मंगवाने वाला अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर गिरोह का सरगना लोकेश ढींगरा गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर गिरोह के सरगना लोकेश ढींगरा को गिरफ्तार किया है। यह डार्क वेब के माध्यम से अमेरिकी गांजा मंगवाकर उसे दिल्ली-एनसीआर में लोगों को आपूर्ति करता था। पुलिस ने इस गिरोह के कब्जे से 1.5 करोड़ रुपये मूल्य के हाइड्रोपोनिक वीड (अमेरिकी गांजा) बरामद किया है। साथ ही 1.5 करोड़ की संपत्ति भी जब्त कर ली है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi Police Crime Branch: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर गिरोह (International Drug Smuggling Gang) के सरगना लोकेश ढींगरा को दिल्ली के इंद्रपुरी से गिरफ्तार किया है। यह डार्क वेब के माध्यम से अमेरिकी गांजा मंगवाकर उसे दिल्ली-एनसीआर में लोगों को आपूर्ति करता था। पिट एनडीपीएस के तहत इसके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
पुलिस ने इस गिरोह के कब्जे से 1.5 करोड़ रुपये मूल्य के हाइड्रोपोनिक वीड (अमेरिकी गांजा) बरामद किया है साथ ही ड्रग्स के धंधे से अर्जित की गई 1.5 करोड़ की संपत्ति भी जब्त कर ली है।
ढींगरा करता था इंटरनेट कॉलिंग ऐप का इस्तेमाल
डीसीपी सतीश कुमार का कहना है कि 18 अक्टूबर को क्राइम ब्रांच को लोकेश ढींगरा उर्फ लोकी के नेतृत्व वाले एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट की अवैध गतिविधियों के बारे में सूचना प्राप्त हुई थी। सिंडिकेट डार्क वेब के माध्यम से अमेरिकी गांजा का आयात कर रहा था और पहचान से बचने के लिए इंटरनेट कॉलिंग ऐप का इस्तेमाल करता था।
दो करोड़ का विदेश आया पार्सल
सूचना के बाद एक करोड़ रुपये मूल्य के 1.5 किलो गांजा वाले एक पार्सल को आरके पुरम के डाकघर में जब्त कर लिया। जांच में विदेश से आए दो करोड़ के अतिरिक्त पार्सल का पता चला। पार्सल जब्त करने की जानकारी मिलने पर सिंडिकेट के सरगना लोकेश ढींगरा और उसके सहयोगी विवेक उर्फ मुकुल व मनशेर सिंह अपने ठिकाने से फरार हो गए थे।
गुरुग्राम के फ्लैट में रहा लोकेश
विवेक थाईलैंड भाग गया था। पिछले साल नवंबर में भारत लौटने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। लोकेश और मनशेर महीनों तक गिरफ्तारी से बचते रहे। दोनों मेदावास, गुरुग्राम में एक फ्लैट किराए पर लेकर रहते थे। फ्लैट मालिक प्रीति चावला को पुलिस ने शरण देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।
आगे की जांच में पता चला कि ये लोग दूसरे के सिमकार्ड और संचार के लिए मोबाइल हैंडसेट का इस्तेमाल कर उसे तोड़ देते थे। पकड़े जाने से बचने के लिए ये लोग इंटरनेट कॉलिंग ऐप से संचार करते थे।
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अपनाते थे ये हथकंडे
क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से किए गए भुगतान करने के अलावा सिंडिकेट के सदस्य सीमा शुल्क निरीक्षण को बायपास करने के लिए विदेशी डाकघर जैसे हथकंडे अपना रहे थे। नकली आईडी और पोर्टर ऐप बुकिंग का उपयोग करके ये लोग दिल्ली, नोएडा व गुरुग्राम में खुदरा ग्राहकों को गांजा आपूर्ति करते थे।
तीन महीनों में सिंडिकेट ने कानूनी खामियों का फायदा उठाने के लिए रणनीतिक रूप से वाणिज्यिक मात्रा की जब्ती से बचने के लिए 20-25 करोड़ मूल्य का लगभग 48 किलो गांजा आयात किया। एसीपी नरेश कुमार व इंस्पेक्टर अरविंद कुमार की टीम को 29 नवंबर को पता चला कि लोकेश ढींगरा इंद्रपुरी में वहां से उसे दबोच कर पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
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