Delhi Police के दागी पुलिसकर्मियों पर विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई, 12 रिश्वतखोरों को सलाखों के पीछे पहुंचाया
दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ रहा है। विजिलेंस यूनिट ने इस साल छह महीने में 12 पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। पिछले साल की तुलना में भ्रष्टाचार के मामले दोगुने हो गए हैं। गृह मंत्रालय द्वारा भ्रष्टाचार रोकने के प्रयासों के बावजूद अपराध और रंगदारी की घटनाएं बढ़ रही हैं। दिल्ली पुलिस भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम कर रही है।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार तेजी से पनपते जा रहा है। दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट के आंकड़ों के मुताबिक इस साल छह माह में 12 पुलिसकर्मी रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए।
सिर्फ जून में सबसे अधिक छह पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए गए। इनमें दो मामलों में रिश्वत की रकम दिलाने में बिचौलिये की भूमिका निभाकर पुलिसकर्मियों को मदद पहुंचाने वाले एक वकील और एक चाय विक्रेता को भी गिरफ्तार किया गया है।
पिछले छह माह में हर माह दो पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए गए हैं। इन पुलिसकर्मियों को सीबीआई या किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी ने नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने गिरफ्तार किया।
डिजिटल साक्ष्यों की रिपोर्ट जल्द नहीं मिलने से परेशानी
मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि आरोपपत्र दायर करने के बाद अधिकतर कर्मियों को बर्खास्त कर दिया जाता है। रिश्वत लेते पुलिसकर्मियों के पकड़े जाने के मामले में ऑडियो, वीडियो, फोरेंसिक व डिजिटल साक्ष्य ही महत्वपूर्ण होते हैं।
रोहिणी स्थित फाेरेंसिक लैब में नमूने भेजने पर विजिलेंस यूनिट को जल्द रिपोर्ट नहीं मिल पाती है, जिससे आरोपपत्र दायर करने में विलंब होता है। रिपोर्ट आने में करीब दो साल लग जाते हैं।
इसको लेकर पिछले दिनों विजिलेंस यूनिट के अधिकारियों ने फोरेंसिक के अधिकारियों के साथ बैठक कर लंबित मामलों की रिपोर्ट जल्द मुहैया कराने के लिए अनुरोध किया ताकि अदालती कार्यवाही में अधिक विलंब न हो सके।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि सभी मुकदमों में जांच प्रक्रिया जारी है। फॉरेंसिक , ऑडियो-वीडियो साक्ष्य, डिजिटल साक्ष्य और तकनीकी डाटा की मदद से इन मामलों में मजबूत आरोपपत्र दायर किया जाता है।
18 महीने में 20 केस दर्ज किए, 24 हुए गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस भ्रष्टाचार के मामले में ''जीरो टालरेंस'' पाॅलिसी के तहत काम कर रही है। इसी का परिणाम है कि पिछले डेढ़ साल में विजिलेंस यूनिट ने अलग-अलग रैंक के पुलिसकर्मियों के विरुद्ध 20 से भी ज्यादा मुकदमे दर्ज किए।
इन मामलों में 22 पुलिसकर्मी समेत कुल 24 आरोपित गिरफ्तार किए गए। 16 आरोपितों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कठोर धाराओं में गिरफ्तार किया गया।
इनमें दो ऐसे निजी व्यक्ति शामिल हैं जो पकड़े गए पुलिसकर्मियों के भ्रष्ट गतिविधियों में मदद कर रहे थे। दो ऐसे पुलिसकर्मी जो विजिलेंस यूनिट की रेड के दौरान गिरफ्तार नहीं हो पाए, उन्हें भी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
सीबीआई भी आए दिन कर रही कार्रवाई
विभिन्न अदालत ने इन कर्मियों की अग्रिम जमानत की अर्जी को स्वीकार नहीं किया। आंकड़ों को देखा जाए तो दिल्ली पुलिस में पिछले साल की तुलना में करीब दो गुना भ्रष्टाचार बढ़ गया है। विजिलेंस के अलावा सीबीआई भी आए दिन थानों में छापे मार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर रही है।
राजधानी में बढ़ते अपराध और पुलिस महकमे में तेजी से पनप रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से गृह मंत्रालय ने लगातार दो बार गैर यूटी काडर के आईपीएस को दिल्ली पुलिस का मुखिया बनाकर पुलिस बल को अधिक पेशेवर बनाने की कोशिश की, लेकिन इससे भी कोई खास हासिल नहीं हुआ।
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