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    दिल्ली में क्राइम घटा या बढ़ा? दैनिक जागरण से खास बातचीत में स्पेशल पुलिस कमिश्नर ने दिया हर सवाल का जवाब

    By ajay rai Edited By: Kapil Kumar
    Updated: Mon, 30 Dec 2024 10:23 AM (IST)

    दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंह यादव ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि दिल्ली में अपराध की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि पुलिस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रही है और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। आगे विस्तार से पढ़िए विशेष पुलिस आयुक्त ने और क्या-क्या कहा है।

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    दिल्ली में क्राइम को लेकर विशेष पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंह यादव से खास बातचीत। जागरण फोटो

    राकेश कुमार सिंह, जागरण। राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था को लेकर इन दिनों काफी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दल इसे मुद्दा बना रहे हैं। बीते माह गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त समेत तमाम बड़े अधिकारियों को बुलाकर कानून व्यवस्था को चाक-चौबंद करने का निर्देश भी दिया था।

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    इस बीच, दिल्ली में गैंगस्टरों की गतिविधियां बढ़ने और अब तक दो बम धमाकों के अनसुलझे मामले भी दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं। इन सभी विषयों पर दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंह यादव से दैनिक जागरण के वरिष्ठ मुख्य संवाददाता राकेश कुमार सिंह ने विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश...

    हाल के दिनों में दिल्ली में अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं। इन पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली पुलिस क्या कर रही है?

    -सर्वप्रथम यह धारणा पूर्णतः निराधार एवं तथ्यहीन है। इस वर्ष स्ट्रीट क्राइम कम हुआ है। हम इस स्थिति को और बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं। इसके अतिरिक्त महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराध भी कम हुए हैं। कोई भी अपराध जब संज्ञान में आता है तो तुरंत कार्रवाई की जाती है। इसके लिए मेरी सोच यही है कि आंकड़ों की ओर नहीं, जनता की ओर देखो और केस दर्ज करके तुरंत कार्रवाई शुरू करो। अधिकारियों के साथ मैं स्वयं इलाके में पैदल गश्त करता हूं।

    सख्त निर्देश हैं कि बीट में वही पुलिसकर्मी तैनात होंगे जो अपराधियों में भय और जनता में विश्वास पैदा करते हों। इसी तरह स्पेशल स्टाफ, एएटीएस, नारकोटिक्स, चौकी प्रभारी और थाने की क्रैक टीम में भी मेरिट के आधार पर नियुक्ति की जाती है। यह भी स्पष्ट करना आवश्यक है कि भ्रष्टाचार और संगठित अपराध विशेषतः नारकोटिक्स के प्रति जीरो टालरेंस का सख्त रुख है। मेरे अंदर आज भी वही उत्साह और जज्बा है जो पुलिस सेवा ज्वाइन करने पर था, पीड़ित को न्याय दिलाने का और जनता का विश्वास जीतने का।

    गैंगस्टरों की गतिविधियां तेज हुई हैं। व्यापारियों से रंगदारी और फिरौती मांगने की घटनाएं हो रही हैं। उससे निपटने के लिए क्या योजना है?

    -एक बार फिर से दोहराना चाहूंगा कि इस प्रकार के अपराधों में कोई सनसनीखेज बदलाव नहीं है। अनेक मामलों में जानकार भी फायदा उठाने के लिए ऐसे प्रयास करते हैं। जो नई बात सामने आई है वह यह है कि अपराधी डंकी रूट या अन्य माध्यम से विदेश पहुंचकर वहां से आपरेट करने का प्रयास कर रहे हैं। केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और जिला पुलिस इस पर काम कर रही है।

    इस संबंध में उपराज्यपाल के निर्देशानुसार अब सभी जिलों के उपायुक्त को आइटी एक्ट के प्रविधान के अंतर्गत यह अधिकार दिए गए हैं कि वे आपराधिक गतिविधियों को इंटरनेट मीडिया से हटवा सकेंगे। यह कदम गैंग में भर्ती होने की गतिविधियों पर अंकुश लगाने में सहायक साबित होगा।

    किशोर न्याय बोर्ड से इस संबंध में अनुरोध किया जाता है कि जो 16-18 वर्षीय किशोर जघन्य अपराध में संलिप्त हैं, उनको वयस्क मानकर दंडित किया जाए। माता-पिता और समाज को अपने बच्चों, उनके सहकर्मी समूह और मित्र मंडली आदि की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए आगे आना होगा। फोन और इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग रोकना होगा।

    अपराधियों पर लगाम कसने में पुलिस आधुनिक तकनीक का किस तरह से इस्तेमाल कर रही है, इसका क्या परिणाम है?

    -हमारे पुलिस आयुक्त तकनीक के भरपूर उपयोग को प्राथमिकता देते हैं। हाल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व फेस रिकग्निशन सिस्टम के जरिये कई अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। क्राइम ब्रांच के कार्यकाल के दौरान दिल्ली पुलिस के कंप्यूटरीकरण सोसायटी के सचिव का दायित्व संभालते हुए देश में सबसे पहले ई-एफआइआर और लास्ट रिपोर्ट एप की संकल्पना कर उसे सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया था, जो पुलिस प्रणाली के सुधार में अत्यंत प्रगतिशील कदम था।

    इसकी सहायता से एक आम नागरिक को बिना पुलिस स्टेशन जाए, वेब या मोबाइल फोन के माध्यम से एफआइआर दर्ज करने का अधिकार देकर सशक्त बनाया गया। यह भारतीय पुलिस के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ और इसके लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस का अवार्ड भी मिला। पीएम और गृह मंत्री ने नए कानून में विज्ञानी दृष्टिकोण से अन्वेषण करने को अत्यधिक महत्व दिया है। दिल्ली पुलिस ने फोरेंसिक क्षमता को बढ़ाया है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।

    दोष सिद्धि के लिए ई-साक्ष्य एप का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। हम फिंगरप्रिंट, सीसीटीएनएस, सीसीटीवी व एफआरएस जैसी सभी तकनीक का पूर्ण उपयोग कर रहे हैं। इस वर्ष हमने दो नए एप बनाए हैं- फुट पैट्रोलिंग एप और सीनियर सिटिजन एप, इन्हें सभी जिलों में लागू किया जा रहा है।

    बीते दिनों प्रशांत विहार क्षेत्र में दो धमाके हुए। ये दोनों मामले अब तक अनसुलझे क्यों हैं?

    - दिल्ली पुलिस की तमाम टीमें- स्थानीय पुलिस, स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और केंद्रीय एजेंसियां एनआइए, एनएसजी व एफएसएल आदि सभी मिलकर जांच कर रही हैं। चूंकि जांच समाप्त नहीं हुई है, अतः इस विषय की संवेदनशीलता को देखते हुए अभी इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।

    नववर्ष पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस की क्या योजना है?

    -दिल्ली देश की राजधानी है। यहां अनेक विशिष्ट और गण्यमान्य लोगों के अलावा करोड़ों लोग बसे हुए हैं तो ऐसे में हर वक्त चाहे कोई तीज त्योहार हो, धरना प्रदर्शन, शोभा यात्रा, धार्मिक यात्रा, राजनीतिक कार्यक्रमव सम्मेलन इत्यादि कुछ भी हो, हम सुरक्षा के प्रति 12 माह 24 घंटे दिन-रात सदैव सजग और संवेदनशील रहते हैं। नव वर्ष के लिए भी हम सभी जगह अच्छा बंदोबस्त कर रहे हैं, ताकि सब लोग शांतिपूर्वक नववर्ष का स्वागत कर सकें। बदमाशी करने वाले हुड़दंगियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

    विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली की कानून व्यवस्था पर आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं, पुलिस इसका किस तरह से जवाब देगी?

    इस राजनीतिक अतिश्योक्ति पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। इतना अवश्य कहूंगा कि ये खेद और दुर्भाग्यपूर्ण है। हाल फिलहाल हर मामले को सनसनीखेज बताकर भय का माहौल बनाने का प्रयास किया गया। पुलिस से हर कोई संवेदनशीलता की अपेक्षा रखता है, लेकिन पुलिस के बारे में बिना सत्यापित किए, बेबुनियाद कथन देना बहुत ही असंवेदनशील और दुखद है।

    दिल्ली की जनसंख्या तीन करोड़ है- हर आर्थिक स्तर, क्षेत्र, धर्म व विचार के महत्वाकांक्षी लोग यहां सघन आबादी वाले क्षेत्रों में रहते हैं। ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति में सफलतापूर्वक हर चुनौती का सामना कर रही पुलिस का मनोबल बढ़ाना चाहिए। कई बार हमारे जिला उपायुक्त फर्जी और गलत बातों को काउंटर करते हुए सही तथ्य प्रस्तुत करते हैं, लेकिन तब तक हमारी प्रतिष्ठा को बहुत नुकसान हो चुका होता है। कोई भी सार्वजनिक बयान देने से पहले इस बात का सभी अवश्य ध्यान रखें।

    विधानसभा चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था मजूबत रखने के लिए पुलिस की क्या योजना है?

    हमने इसी वर्ष लोकसभा के चुनाव सफलतापूर्वक आयोजित करवाए एवं जी-20 के भव्य आयोजन के लिए दिल्ली पुलिस की सभी ने प्रशंसा की। साथ ही अति संवेदनशील ईदगाह और इंद्रलोक में कम्युनिटी पुलिसिंग के जरिये शांति व्यवस्था बनाकर रखी गई। मुझे चार राज्यों की पुलिसिंग का व्यक्तिगत अनुभव है और मैंने देश-विदेश की कई पुलिस फोर्स को नजदीक से देखा है, लेकिन जो विविधता और जटिलताएं दिल्ली पुलिस के समक्ष हैं वह और कहीं नहीं हैं।

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    दिल्ली में पुलिसिंग चुनौती है, जिसे हमारे पुलिसकर्मी अपनी सूझ-बूझ, साहस, धैर्य और परिश्रम से निभाते हैं। चाहे विधानसभा चुनाव हो या कोई अन्य कार्यक्रम, उसको सफलतापूर्वक संपन्न करवाने में हम पूर्णतः प्रतिबद्ध और सक्षम हैं। हाल ही में निर्वाचन आयोग की ओर से बुलाई गई बैठक में हमारी तैयारियों का आकलन किया गया और सराहना भी की गई।

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