फर्जी दस्तावेज बनवा चोरी की कारों को बेचने वाले तीन वाहन चोर गिरफ्तार, पांच कारें और नकली नंबर प्लेट बरामद
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कुख्यात वाहन चोर वाहिद उर्फ डॉक्टर और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह दिल्ली-उत्तर प्रदेश में चोरी की गई कारों के फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें बेचता था। पुलिस ने इनकी निशानदेही पर चोरी की पांच कारें और नकली नंबर प्लेट बरामद की हैं। वाहिद पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 35 से अधिक मामले दर्ज हैं।

जागरण संवाददता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मेरठ के कुख्यात वाहन चोर वाहिद उर्फ डाक्टर समेत तीन चोरों को गिरफ्तार किया है। वाहिद अपने गिरोह का सरगना है। इस पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश मेें 35 आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह गिरोह दिल्ली और उत्तर प्रदेश से चुराए गए कारों के फर्जी दस्तावेज बनवा उन्हें अन्य राज्यों में बेच देता था। इनकी निशानदेही पर चोरी की पांच कारें व चोरी की कारों की दो उच्च-सुरक्षा नंबर प्लेट बरामद किए गए।
डीसीपी आदित्य गौतम के मुताबिक गिरफ्तार किए गए वाहन चोरों के नाम वाहिद उर्फ डाक्टर (मेरठ, उत्तर प्रदेश), सुनील अग्रवाल (गाजियाबाद) और नासिर उर्फ सोनू (गाजियाबाद) है। क्राइम ब्रांच को कुख्यात डाक्टर उर्फ वाहिद गिरोह के एक प्रमुख सदस्य के चोरी के वाहनों से जुड़े सौदे को अंजाम देने के लिए मध्य जिला में आने के बारे में जानकारी मिली। जिसपर त्वरित कार्यवाई करते हुए पुलिस टीम ने करोल बाग इलाके से नासिर उर्फ सोनू को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में उसने बताया कि वह पिछले एक साल से अपने मामा वाहिद के लिए वाहन चोरी करने का काम कर रहा था। उसने यह भी बताया कि उसे गिरोह के एक अन्य सदस्य सुनील अग्रवाल ने चोरी की होंडा अमेज मुहैया कराई थी, जिसका इस्तेमाल वाहन चोरी के काम में किया जा रहा था। उसकी निशानदेही पर कार हजरत निजामुद्दीन से कार बरामद कर ली गई।
जांच में कार लाजपत नगर से चोरी की पाई गई। नासिर से पूछताछ के आधार पर सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। उससे पूछताछ में केशवपुरम से चुराई गई एक कार के बारे में जानकारी मिली। दोनों से पूछताछ में सरगना वाहिद के बारे में जानकारी मिलने पर मुजफ्फरनगर जिला जेल से वाहिद को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
उसकी निशानदेही पर दो और चोरी की कारें बरामद की गईं। इसके खिलाफ दिल्ली में 15 और उत्तर प्रदेश में 20 मामले दर्ज हैं। पुलिस का कहना है कि वह महंगे वाहनों को निशाना बनाता है। कारों को चोरी करने के लिए यह गिरोह दूसरी चोरी की कारों का इस्तेमाल करता है।
चोरी के दौरान ये लोग असली नंबर प्लेट की जगह उच्च सुरक्षा वाली नकली नंबर प्लेट लगा देते थे। चोरी किए गए वाहनों को या तो फर्जी दस्तावेज के आधार पर बेच दिया जाता था या फिर उनके पुर्जे बेच देते थे। इनकी निशानदेही परराजौरी गार्डन, केशव पुरम, लाजपत नगर, अमर कालोनी व प्रीत विहार से चुराई गई हुंडई क्रेटा व इमेज बरामद की गई।
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