दिल्ली-एनसीआर के बड़े ड्रग्स कार्टेल का पर्दाफाश, एक करोड़ की मेथमफेटामाइन और एमडीएमए के साथ तीन गिरफ्तार
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय एक ड्रग्स कार्टेल का भंडाफोड़ कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से करीब एक करोड़ रुपये की ड्रग्स जिसमें मेथमफेटामाइन और एमडीएमए शामिल हैं बरामद की है। आरोपी पहले अलग-अलग पेशे में थे लेकिन कोरोना महामारी के बाद ड्रग्स के धंधे में शामिल हो गए थे।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। क्राइम ब्रांच के एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय एक बड़े ड्रग्स कार्टेल का भंडाफोड़ कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस का दावा है कि इनके कब्जे से करीब एक करोड़ रुपये मूल्य के 32 ग्राम मेथमफेटामाइन और सात ग्राम एमडीएमए (टैबलेट) बरामद की गई है।
डीसीपी क्राइम ब्रांच संजीव कुमार यादव के मुताबिक कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच को वसंत कुंज स्थित गांव मसूदपुर में मादक पदार्थों की खेप आने के बारे में सूचना मिली।
त्वरित कार्रवाई करते हुए, एसीपी राज कुमार व इंस्पेक्टर प्रवीण राठी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने गांव मसूदपुर से दो आरोपी तजिंदरपाल सिंह उर्फ हैप्पी और विक्रम सिंह भदौरिया को 24 ग्राम मेथमफेटामाइन के साथ गिरफ्तार किया।
दोनों से पूछताछ के बाद कुंदन सिंह बिष्ट को भी वसंत कुंज, से गिरफ्तार कर लिया गया। उसके कब्जे से आठ ग्राम मेथमफेटामाइन और सात ग्राम एमडीएमए गोलियां बरामद की गईं।
इनमें तजिंदरपाल सिंह ने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है और 2014 में मलेशिया में काम किया था। कोरोना महामारी के बाद 2022 में भारत लौटने पर, वह अपने पूर्व मर्चेंट नेवी सहयोगी सुरजीत उर्फ जीता के साथ फिर से जुड़ गया, जो मेथमफेटामाइन के अवैध व्यापार में शामिल था।
चंडीगढ़ में एक मादक पदार्थ मामले में सुरजीत की गिरफ्तारी के बाद, आरोपी ने विक्रम सिंह भदौरिया के साथ मिलकर दिल्ली में ड्रग्स की आपूर्ति शुरू कर दी।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के आदर्श पुरम स्थित राम नगर का रहने वाला विक्रम सिंह भदौरिया बीएससी स्नातक है, वर्तमान में वह दिल्ली में कैब ड्राइवर का काम करता था।
वह 2016 में तजिंदरपाल सिंह और सुरजीत उर्फ जीता के संपर्क में आया था। कोरोना महामारी के बाद वह वापस दिल्ली आ गया और फिर से उनके साथ जुड़ कर मेथमफेटामाइन की अवैध आपूर्ति करना शुरू कर दिया।
उत्तराखंड, देहरादून के नीम करोली नगर का रहने कुंदन सिंह बिष्ट बीए स्नातक और होटल प्रबंधन में डिप्लोमा कर रखा है। उसने पहले दिल्ली भर के विभिन्न क्लबों में प्रबंधक के रूप में काम किया। कोरोना महामारी के दौरान उसकी नौकरी चली गई।
उसी दौरान वह सुरजीत उर्फ जीता के संपर्क में आया जो ड्रग्स के व्यापार में लिप्त था। आसान पैसे के लालच में वह नेटवर्क में शामिल हो गया और मेथमफेटामाइन की आपूर्ति शुरू कर दी।
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