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    दिल्ली से एक की तलाश में निकली पुलिस ने 6 बच्चों को बचाया; बच्चा चोरों का इंटरस्टेट गिरोह बेनकाब, 10 गिरफ्तार

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 03:42 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने बच्चों के अपहरण और तस्करी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है और 6 बच्चों को बचाया है जिनमें सराय काले खां से चुराया गया 6 महीने का बच्चा भी शामिल है। रैकेट के तार दिल्ली हरियाणा राजस्थान यूपी और उत्तराखंड तक फैले हुए हैं।

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    बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों से बच्चों को चुराने वाले 10 तस्करों को गिरफ्तार किया गया।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी की दक्षिण-पूर्व जिले की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने बच्चों के अपहरण और तस्करी में लिप्त एक बड़े गिरोह का सोमवार को भंडाफोड़ किया। वे बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों से बच्चों को चुराते थे। इस ऑपरेशन में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई में दिल्ली के सराय काले खां से चुराए गए एक 6 महीने के बच्चे को आगरा से और पांच अन्य बच्चों को अलग-अलग स्थानों से बरामद किया गया। बच्चा चुराने का ऑर्डर आगरा के एक डॉक्टर ने दिया था। पूछताछ के बाद खुलासा होते-होते इस रैकेट के तार दिल्ली से शुरू होकर हरियाणा, राजस्थान और यूपी होते हुए उत्तराखंड तक जा पहुंचे। इस तरह दिल्ली पुलिस ने एक बच्चे की तलाश शुरू करते हुए 6 बच्चों को तस्करों से सुरक्षित बचा लिया।

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    स्टेशन से चुरा ले गए बच्चा

    इस संबंध में पुलिस की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते 22 अगस्त एक शिकायतकर्ता सुरेश ने बताया कि वह यूपी के बांदा जनपद का रहने वाला है। वह अपने परिवार के साथ आईएसबीटी सराय काले खां पर रुका हुआ था। उनके परिवार में पत्नी और चार बच्चे शामिल थे, जिनमें सबसे छोटा छह महीने का बच्चा था। पीड़ित ने बताया कि रात करीब 11 बजे, जब वे प्लेटफॉर्म नंबर दो पर सो रहे थे तब उनका बच्चा गायब हो गया।

    जांच टीम और पुलिस ऑपरेशन

    इसके बाद तहरीर के आधार पर पुलिस थाना सनलाइट कॉलोनी में एफआईआर दर्ज की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए, स्पेशल स्टाफ और पुलिस थाना सनलाइट कॉलोनी की टीम गठित की गई। इसका नेतृत्व एसीपी लाजपत नगर मिहिर सकारिया और एडिशनल डीसीपी ऐश्वर्या शर्मा के मार्गदर्शन में इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह डागर ने किया।

    मुखबिरों की मदद से पकड़ा गया वीरभान

    पुलिस ने बताया कि फिर टीम ने आईएसबीटी सराय काले खां के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। इसमें संदिग्धों को बच्चे को ले जाते देखा गया। फुटेज से मिली जानकारी के आधार पर टेक्नोलॉजी और मुखबिर तंत्र की मदद से आरोपी वीरभान को हरियाणा के फतेहाबाद के पिनहट दबोच लिया गया।

    वीरभान ने रामबाबू को बेचा बच्चा

    पूछताछ के दौरान, आरोपी वीरभान ने बताया कि आगरा के बाह में रहने वाले रामबाबू ने उसे एक 5-6 महीने का बच्चा अपहरण करके लाने के लिए कहा था, जिसे बेचा जा सके। उसने यह भी बताया कि वह अपने फतेहाबाद निवासी ससुर कालीचरण के साथ आईएसबीटी सराय काले खां गया था।

    आगरा के डॉक्टर ने की थी डिमांड

    उन्होंने रात 10:30 बजे बच्चे का अपहरण किया और फतेहाबाद वापस लौट आए थे। इसके बाद कालीचरण को पकड़ लिया गया। यह भी पता चला कि वीरभान और कालीचरण दोनों रामबाबू के साथ मिलकर बच्चे को आगरा स्थित केके हॉस्पिटल के मालिक डॉ. कमलेश के पास ले गए थे।

    हार्ट पेशेंट बनकर पहुंचे पुलिस अफसर

    फिर टीम के सदस्य केके अस्पताल के परिसर में घुस गए। वहां पर इंस्पेक्टर डागर खुद को हार्ट पेशेंट बताकर पहुंचे। वहीं, एसआई शुभम और एसआई मुनेश उनके तीमारदार बन गए। उन्होंने सिर्फ डॉ. कमलेश से ही इलाज करवाने की ज़िद की। फिर डॉ कमलेश ने उन्हें इलाज के लिए अपने चेंबर में बुलाया। इस तरह, टीम के सदस्यों ने डॉ. कमलेश को पकड़ लिया।

    डॉक्टर ने सुंदर को बेचा बच्चा

    डॉ. कमलेश ने बताया कि उसने बच्चे को सुंदर नामक एक व्यक्ति को जो राम नगर की नई आबादी में रहता था, को बेच दिया था। इसी बीच सुंदर को केके अस्पताल पर रेड की खबर मिल गई और वह फरार हो गया। फिर पुलिस ने नेटवर्क का सहारा लेकर सुंदर को यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर 50 किमी तक पीछा करने के बाद पकड़ लिया। वह राजस्थान भागने की कोशिश कर रहा था।

    आगरा के दंपति को बेचा बच्चा

    इसके बाद सख्ती से पूछताछ में आरोपी सुंदर ने बताया कि उसने अगवा किए गए बच्चे को आगरा के राजनगर में रहने वाले कृष्णा शर्मा और प्रीति शर्मा को बेचा था। इसके बाद उनके घर पर छापा मारकर उन्हें गिरफ्ताार कर लिया गया। उनके ही घर में बच्चा भी बरामद कर लिया गया।

    अब उघड़नें लगीं परतें

    अब पुलिस के सवालों का जवाब देने की बारी इन दोनों की थी। पूछताछ में कृष्णा शर्मा और प्रीति शर्मा ने बताया कि अगवा किए गए बच्चे को बिचौलिया रितु के ज़रिए एक ज्योत्सना नामक महिला को बेचा जाना था। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने एक बच्ची 'एक्स' को नैनीताल के एक दंपत्ति को बेचा था। पुलिस ने उस बच्ची को भी नैनीताल से तलाश लिया। इस दौरान बिचौलिया रितु भी दबोच ली गई।

    एक और बच्चा आगरा से बरामद

    आरोपी कृष्णा के खुलासे के आधार पर, ज्योत्सना के काम करने की जगह पर छापा मारा गया और उसे वहां से उसे पकड़ लिया गया। उसने बताया कि उसने 2 महीने के एक बच्चे को आगरा के एक परिवार को बेचा था। इसके बाद 2 महीने के बच्चे को भी आगरा (उत्तर प्रदेश) से बरामद कर लिया गया।

    10 दिन का नौनिहाल भी मिला

    इस बीच सुंदर के जरिए एक और बच्चे को रचिता मित्तल एवं रुबीना अग्रवाल के जरिए बेचा गया था। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया और 2 महीने के एक बच्चे को बचाया गया। इसके अलावा रचिता की निशानदेही पर, 10 दिन के एक और बच्चे को आगरा के एक तीसरे परिवार से बचाया गया। उसने बच्चे को रचिता और सुंदर सिंह के जरिए खरीदा था।

    एक बच्ची को भी तलाशने में रहे कामयाब

    आगे की पूछताछ करने पर, सुंदर ने खुलासा किया कि निखिल ने भी 1 साल की एक बच्ची सुंदर को सौंपी थी, जिसने अगस्त माह में बच्ची को फतेहाबाद के एक परिवार को बेच दिया था। बच्ची को कामिनी के कब्जे से बचाया गया है। इस दिशा में जांच भी चल रही है। पुलिस की पकड़ से अभी कुछ और बच्चा चोर दूर बताए जा रहे हैं। मामले की आगे की जांच चल रही है। इन आरोपियों पर तस्करी और जेजे एक्ट की उचित धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।

    आरोपियों का प्रोफाइल

    • वीरभान (30 साल): कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं।
    • कालीचरण (45 साल): कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं।
    • डॉ. कमलेश कुमार (33 साल): कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं।
    • सुंदर (35 साल): पूर्व में केस दर्ज।
    • कृष्णा (28 साल) और प्रीति (30 साल): कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं।
    • रितु (40 साल): पूर्व में तस्करी का केस।
    • ज्योत्सना (39 साल): कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं।
    • रुबीना अग्रवाल @ रचिता (42 साल): कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं।
    • निखिल कुमार (22 साल): कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं।

    आगे की कार्रवाई

    आरोपी वीरभान, कालीचरण, प्रीति और ज्योत्सना को न्यायिक हिरासत में भेजा गया, जबकि सुंदर, कमलेश, रितु, कृष्णा और रचिता पुलिस हिरासत में हैं। जांच जारी है। अन्य फरार तस्करों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। तस्करी और जेजे एक्ट की उचित धाराओं के तहत कार्रवाई हो रही है।

    बना दी गई स्पेशल टीम

    अब तक चलाए गए ऑपरेशनों की संवेदनशीलता और बड़े पैमाने पर किए गए काम को देखते हुए और ज़्यादा अगवा किए गए बच्चों को बचाने और अपराधियों को पकड़ने की संभावना को देखते हुए, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को औपचारिक रूप से बनाया गया और इस ऑपरेशन की ज़िम्मेदारी इस टीम को सोंप दी गयी। अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खुलासे के आधार पर लखनऊ और आगरा में तीसरे दौर की रेड भी की गई।

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