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    ‘राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन’ की फर्जी वेबसाइट पर टेंडर निकाल ठगे 3.5 करोड़, दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 07:49 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने सरकारी योजना के नाम पर साढ़े तीन करोड़ की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर पीड़ितों को ठगा। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें स्कूल ड्रेस की आपूर्ति करने का झांसा देकर पैसे लिए गए लेकिन भुगतान नहीं किया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से यूनिफार्म से भरे दो ट्रक जब्त किए।

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    राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन नाम से फर्जी वेबसाइट बना धोखाधड़ी करने वाले दो गिरफ्तार।

    जागरण संवाददता, नई दिल्ली। सरकारी फ्लैगशिप योजना का टेंडर दिलाने के नाम पर एक पीड़ित से करीब साढे़ तीन करोड़ की ठगी करने वाले दो आरोपितों को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है।

    ‘राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन’ के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर आरोपितों ने पीड़ित के साथ धोखाधड़ी की। एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमृता गुगुलोथ के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों के नाम करुणाकर उर्फ रत्नाकर उपाध्याय और अनीता उपाध्याय हैं।

    दोनों छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। यूपी और छत्तीसगढ़ में दोनों इस तरह के कई आपराधिक मामलों में शामिल पाए गए हैं। करुणाकर, कला स्नातक है। इसके खिलाफ पहाड़गंज थाने में 2023 में दुष्कर्म का भी केस दर्ज है।

    अनीता उपाध्याय, विज्ञान स्नातक है। वह ‘राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन ट्रस्ट की प्रमुख है। दोनों छत्तीसगढ़ के एक मामले में पहले गिरफ्तार हो चुके हैं।

    कैप्टन शिवेंद्र सिंह बख्शी ने कुछ माह पहले आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत कर बताया कि उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के तहत वेंडर के रूप में पंजीकरण करवाने और सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए स्कूल ड्रेस की आपूर्ति करने का झांसा दिया गया।

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    उन्होंने लगभग दो करोड़ रुपये टेंडर आवंटन के कमीशन के रूप में दिए और यूनिफार्म की आपूर्ति भी की, लेकिन आरोपितों ने न तो भुगतान किया और न ही माल लौटाया। तीन अन्य पीड़ितों के साथ भी आरोपितों ने इसी तरह की धोखाधड़ी की, जिसपर अलग-अलग मामले दर्ज किए गए।

    जांच से पता चला कि रत्नाकर उपाध्याय ने राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन नाम से फर्जी वेबसाइट बनाई और अनीता उपाध्याय ने फर्जी वेबसाइट के नाम से एक बैंक खाता खुलवाया।

    बैंक रिकार्ड में शिकायतकर्ता के खाते से ‘राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन’ के खाते में पैसे ट्रांसफर होने की पुष्टि हुई। रत्नाकर ने ‘राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन’ के खाते से लगभग 3.5 करोड़ रुपये निकाले और व्यक्तिगत उपयोग में खर्च किए।

    जांच के बाद दोनों को 21 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी निशानदेही पर करीब 1.5 करोड़ रुपये मूल्य के 45,000 यूनिफार्म से भरे दो ट्रक जब्त कर लिए गए।

    पूछताछ में इन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के टेंडर के नाम पर व्यापारियों को स्कूल यूनिफार्म, बैग, मेडिकल किट आदि की आपूर्ति करने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने की बात कुबूली।

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