Delhi Murder Case: पिता के टुकड़े-टुकड़े करने वाला बेटा गिरफ्तार, प्राइवेट पार्ट भी काटा; ये थी कत्ल की वजह
दिल्ली पुलिस ने 2008 के नबी करीम हत्याकांड के दोषी जितेंद्र सिंह को फिर से गिरफ्तार किया है। जितेंद्र ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में अपने पिता का सिर काटकर हत्या कर दी थी जिसके लिए उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी। पैरोल पर रिहा होने के बाद वह फरार हो गया था। पुलिस ने उसे अमृतसर से गिरफ्तार किया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 2008 में नबी करीब थानाक्षेत्र में तंत्र-मंत्र के चक्कर में पिता का सिर काटकर बेरहमी से हत्या करने वाले बेटे जितेंद्र सिंह को मध्य जिला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पिता की हत्या के मामले में बेटे काे फांसी की सजा मिल चुकी है।
पिछले साल उसे दो सप्ताह का पैरोल मिला था। पैरोल की अवधि खत्म होने बाद उसने जेल में समर्पण नहीं किया और पुलिस को चकमा देते हुए फरार चल रहा था।
उपायुक्त एम हर्षवर्धन के मुताबिक, पुलिस टीम ने जेल मुलाकातियों, जमानतदारों और मामले से जुड़े अन्य दस्तावेज का ब्यौरा इकट्ठा करते हुए मैनुअल और तकनीकी निगरानी के आधार पर अमृतसर, पंजाब (आरोपी का पैतृक गांव) में छापे मारे और खुफिया जानकारी जुटाई।
पुलिस को ऐसे मिली जानकारी
एक पुराने डोजियर से पुलिस को इसके बारे में जानकारी मिली। उसका हुलिया पिछले कुछ सालों में काफी बदल गया था। तकनीकी जांच से पता चला कि भगोड़ा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहरी इलाके में कहीं रह रहा है। 11 अप्रैल को पुलिस टीम ने उसके चेम्सफोर्ड रोड इलाके में होने का पता चला।
स्थानीय मुखबिरों के साथ पुलिस टीम ने मौके पर पहुंच कर सजायाफ्ता को उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह फुटपाथ पर चादर ओढ़कर सो रहा था।
मंदिर में रखा मिला था पिता का कटा हुआ सिर
13 मार्च 2008 को पुलिस थाना नबी करीम में बेरहमी से हत्या की एक घटना की सूचना मिली थी, जिसमें करतार सिंह को उनके ही बेटे जितेंद्र ने मानव बलि के उद्देश्य से चाकू से सिर काटकर हत्या कर दी थी। मृतक का कटा हुआ सिर पास के मंदिर में रखा हुआ पाया गया, जबकि धड़ उसके घर के अंदर मां दुर्गा की मूर्ति के सामने खून से लथपथ पाया गया था। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया था।
बलि देने के इरादे से की थी हत्या
पूछताछ में उसने बताया था कि उसने मानव बलि देने के इरादे से अपने पिता की अंगुलियां, हाथ, प्राइवेट पार्ट, हृदय और गुर्दे सहित कई शरीर के अंग काटकर हत्या कर दी थी। 10 जनवरी 2011 को उसे तीस हजारी कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। बीते वर्ष पांच जुलाई को उसे दो सप्ताह की अवधि के लिए पैरोल पर रिहा किया गया था तब से वह फरार चल रहा था।
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