दिल्ली पुलिस की सतर्कता इकाई ने रिश्वत लेते हुए दो पुलिसकर्मियों को किया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
दिल्ली पुलिस की सतर्कता इकाई ने वजीरपुर में रिश्वत मांगने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है। एएसआई वी. ठाकुर और सिपाही राकेश पर एक पंचर मरम्मत की दुकान चलाने वाले से मासिक रिश्वत मांगने का आरोप है। शिकायत मिलने पर सतर्कता विभाग ने कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेते हुए उन्हें रंगे हाथों पकड़ा। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। दिल्ली पुलिस की सतर्कता इकाई ने वजीरपुर इलाके में पंचर मरम्मत की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति से एक हजार रुपये की मासिक रिश्वत मांगने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है। सहायक पुलिस निरीक्षक (एएसआई) वी. ठाकुर और सिपाही राकेश पर आरोप है कि दोनों एक पंचर मरम्मत करने वाले को इलाके में काम करने के एवज में उससे हजार रुपये मासिक रिश्वत मांग रहे थे।
जिसकी शिकायत पीड़ित ने सतर्कता विभाग से कर दी। पीड़ित की शिकायत पर सतर्कता इकाई ने कार्रवाई करते हुए, रिश्वत की रकम लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
पुलिस की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार वजीरपुर फायर स्टेशन के पास पंचर मरम्मत की दुकान चलाने वाले मोहम्मद साबिर से एक शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि पीसीआर वजीरपुर क्षेत्र के एक चालक सिपाही राकेश पंचर मरम्मत कार्य के लिए उससे एक हजार रुपये की मासिक रिश्वत की मांग कर रहा है। शिकायतकर्ता मोहम्मद साबिर ने पैसे देने से इनकार कर दिया और इस मामले में मदद के लिए सतर्कता इकाई से संपर्क किया।
सतर्कता विभाग की टीम ने सत्यापन करने के बाद 17 अगस्त को वजीरपुर फायर स्टेशन के पास घेराबंदी कर दी। योजना के तहत पुलिसकर्मियों ने शिकायतकर्ता को रिश्वत देने के लिए दो हजार की राशि प्रदान की। शिकायतकर्ता के पहुंचने पर पीसीआर वैन के प्रभारी वी. ठाकुर ने सिपाही राकेश (चालक) की ओर से रिश्वत की राशि की मांग की।
शिकायतकर्ता ने एएसआई वी ठाकुर को रुपये सौंप दिए। सतर्कता दल ने एएसआई वी ठाकुर और कांस्टेबल राकेश को गिरफ्तार कर लिया। सतर्कता विभाग की टीम मामला दर्ज कर आगे की जांच कर रही है। इससे पहले जून महीने में भी सतर्कता इकाई ने गोविंदपुरी थाने के एक एएसआई को रिश्वत मांगने और लेने के आरोप में पकड़ा था। इसी तरह अप्रैल में द्वारका जिले के एक हेड कांस्टेबल को भी रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
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