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    दिल्ली में बेहतर पुलिसिंग के लिए पुलिस आयुक्त गोलचा का नया फरमान, पुलिसकर्मियों की लापरवाही पर लगेगी लगाम

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 07:47 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने पीसीआर कॉल पर त्वरित कार्रवाई के लिए नई पहल की है। अब पुलिस मुख्यालय से कॉल पर की गई कार्रवाई की निगरानी की जाएगी। सभी कॉल पर थानों से जांच अधिकारी को मौके पर पहुंचना होगा और पुलिस आयुक्त खुद कॉल करके फीडबैक लेंगे। इस पहल से स्ट्रीट क्राइम पर अंकुश लगने और शिकायतों पर सुनवाई होने की उम्मीद है।

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    दिल्ली में बेहतर पुलिसिंग के लिए पुलिस उपायुक्त का नया फरमान।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कई बार संकट के समय की गई काॅल पर पीसीआर की गाड़ी देरी से पहुंचती है। कई बार थाने से पुलिसकर्मी या जांच अधिकारी पीड़ित के पास नहीं पहुंचता है।

    ऐसे में कई शिकायत अनसुनी रह जाती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। काॅल हुई तो उस पर क्या कार्रवाई की गई? इसकी पूरी निगरानी पुलिस मुख्यालय से शुरू कर दी गई है।

    पिछले कुछ सालों से इस मामले में लापरवाही बरती जा रही थी। काॅल के बावजूद संबंधित थानों से जांच अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते थे। वे केवल गंभीर मामलों में ही मौके पर पहुंचते थे। इसलिए कड़ी निगरानी की जरूरत थी।

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    पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा का मानना है कि इससे दो तरह के फायदे होंगे। सभी काॅल पर थानों से जांच अधिकारियों के मौके पर पहुंचने से एक तो सड़कों पर पुलिसकर्मियों की उपस्थिति कुछ हद तक बढ़ेगी और इससे स्ट्रीट क्राइम पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। दूसरा बड़ा फायदा यह होगा कि काॅलर की शिकायतों पर सुनवाई हो सकेगी।

    नियमानुसार सभी काॅल पर संबंधित थाने से भी जांच अधिकारी को मौके पर पहुंचना होता है, लेकिन कई मामलों में जांच अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते हैं। इसके पीछे पुलिसकर्मियों की संख्या में कमी और व्यस्तता का हवाला दिया जाता है।

    लेकिन अब कोई बहाना नहीं चलेगा। पुलिस आयुक्त द्वारा जारी नए आदेश में कहा गया है कि पीसीआर के कमांड रूम में तैनात शिफ्ट इंस्पेक्टर हर दिन कुछ काॅलर को फोन कर उनका फीडबैक लेंगे।

    उनसे पूछेंगे कि उनकी शिकायतों पर पुलिसकर्मियों ने किस तरह की कार्रवाई की। कार्रवाई से वे संतुष्ट हैं या नहीं। इसकी रिपोर्ट सीधे मुख्यालय को भेजनी होगी। आने वाले समय में हो सकता है आयुक्त इसको लेकर कोई नया दिशा निर्देश भी जारी करें।

    बता दें कि पीसीआर के अलग यूनिट होने के कारण इस यूनिट के अधिकारी थानों से जांच अधिकारी के मौके पर नहीं पहुंचने पर कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। लेकिन शिकायत के मुख्यालय में पहुंचने पर कार्रवाई की जा सकती है।

    ऐसे काम करता है पीसीआर का कमांड रूम

    शालीमार बाग के हैदरपुर में पीसीआर का मुख्यालय है। इसमें कमांड रूम है। दिल्ली के किसी भी इलाके से अगर कोई 112 नंबर पर पीसीआर काॅल करता है तो काॅल पहले कमांड रूम में पुलिसकर्मी के पास पहुंचता है।

    वह पीड़ित की शिकायत काे सुनकर उसे कंप्यूटर में दर्ज करने के बाद कॉल को कमांड रूम के पीसीआर वैन डिस्पैच इंचार्ज, संबंधित जिले के कंट्रोल रूम, संबंधित थाने व मौका ए वारदात के आसपास खड़ी पीसीआर को कुछ ही मिनट के अंदर ट्रांसफर कर देती है।

    पांच से छह मिनट के अंदर पहुंचकर पीसीआर के पुलिसकर्मी पीड़ित की शिकायत सुनते हैं। इसके बाद इस शिकायत को थाने में भेज दिया जाता है।

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